Uttar Pradesh

जातीय जनगणना से पिछड़े समाज का होगा चहुमुखी विकास : नरेन्द्र कश्यप

भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते नरेंद्र कश्यप

कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जातिवार गणना का विरोध किया

लखनऊ,01 मई (Udaipur Kiran) । जातीय जनगणना का निर्णय सामजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह कास्ट सेंसस देश के वंचित, पिछडे़ और उपेक्षित वर्गों को समाज में अपनी एक सही पहचान दिलायेगा। सरकार का यह निर्णय सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक रूप से पिछडे़ वर्ग के लोगों की गैर बराबरी दूर कर और अधिक सशक्त बनायेगा तथा वंचित और उपेक्षित वर्गों के लोगों के चहुमुखी विकास के लिए नये रास्ते खोलेगा। यह बातें भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने गुरूवार को भाजपा मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने 60 वर्षों के शासनकाल में जातीय जनगणना कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाई और पिछड़े समाज के लोगों को झूठ का पुलिंदा थमाकर छलावा करती रही। कांग्रेस पिछड़ों के प्रति हमेशा से ही दो मुंहा रवैया अपनाती रही है। हकीकत तो यह है कि कांग्रेस की सरकारों ने ही आज तक जातिवार गणना का विरोध किया है। इसका जीताजागता प्रमाण यह है कि आजादी के बाद सभी जनगणनाओं में जाति की गणना की ही नहीं गयी।

कांग्रेस ने 2010 में संसद में आश्वासन देने के बावजूद जातिवार गणना नहीं कराई। मंत्रिमंडल समूह की संस्तुति के बावजूद मनमोहन सरकार ने सामाजिक, आर्थिक, जातीय जनगणना के नाम पर सिर्फ सर्वे कराया। ध्यान देने की बात यह है कि जातिवार गणना, 1931 की जनगणना के साथ हुई थी। तब से अभी तक जातिवार जनगणना नहीं हुई है।

नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि 1931 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ओबीसी आरक्षण के लिए मंडल कमीशन ने 1980 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। मंडल कमीशन ने अनुमान लगाया कि कुल आबादी में से 52 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग की है। जिसके आधार पर आयोग ने सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में 27 फीसदी रिजर्वेशन की अनुशंसा की थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में पिछड़ो को न्याय मिल रहा है। प्रधानमंत्री ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ की विचारधारा पर चलने वाले हैं उनका प्रत्येक निर्णय देश को विकास के नये शिखर तक ले जाने में कारगर साबित होगा।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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