लखनऊ, 19 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं उप्र सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने गुरूवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस आरक्षण की जन्मजात विरोधी है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का विदेशी धरती (अमेरिका) पर आरक्षण के विरोध में दिया गया बयान कांग्रेस की कथनी-करनी के बीच का अन्तर स्पष्ट करता है।
नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि कांग्रेस अपने स्थापना काल से ही बाबा साहेब द्वारा दिये गए आरक्षण के विरोध में रही है। हम सबको यह ज्ञात होगा कि पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा 1961 में मुखर होकर आरक्षण का विरोध किया गया था। उस प्रथा का पालन इन्दिरा गांधी द्वारा मण्डल कमीशन की रिपोर्ट दबाकर एवं राजीव गांधी द्वारा आरक्षण उम्मीदवारों को बुद्धू कहकर भी अपमानित किया गया था। उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार पिछड़ों और दलितों का अपमान कर रहे हैं।
नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि 1953 में बने काका कालेकर कमीशन की रिपोर्ट जो 1955 में सौंपी गयी थी, उसे वर्षों तक दरकिनार कर नजरअंदाज किया। उन्हाेंने कहा कि मण्डल आयोग का गठन 1978 में पूर्व प्रधानमंत्री, मुरारजी देसाई द्वारा किया गया। और 1980 में रिपोर्ट सौंपी गयी थी तथा 1990 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा मण्डल आयोग की रिपोर्ट को रद्द कर दिया एवं ओबीसी समुदाय को आरक्षण दिए जाने का विरोध किया। कांग्रेस काल में 14 वर्षों तक इस रिपोर्ट की अनदेखी की गयी, इन वर्षों में लम्बे समय तक कांग्रेस की सरकार रही और कांग्रेस द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया।
नरेन्द्र कश्यप ने बताया संविधान की किताब हाथ में लेने से संविधान प्रेमी नहीं हो जाते। जब-जब कांग्रेस की सरकार रही, तब-तब संविधान का चीरहरण इनके द्वारा किया गया है। उन्हाेंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार लगातार देश को पिछड़े समाज का प्रधानमंत्री दिया है। जो कार्य कांग्रेस पिछड़े-दलितों के लिए पिछले 70 वर्षों में नहीं कर पायी वे कार्य भारतीय जनता पार्टी की सरकार के उपरान्त हुए हैं। भाजपा जो कहती है वह करती है। पिछड़े व अति पिछड़े के विकास के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। आज केन्द्र सरकार में 27 ओबीसी सांसदों को मंत्री पद से सुशोभित किया गया है एवं उप्र सरकार में 22 ओबीसी समाज के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन यादव