RAJASTHAN

गोविंद देवजी मंदिर में नंदोत्सव-शोभायात्रा मंगलवार को

गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन पास और जगमोहन पास से प्रवेश केवल सायं 7 बजे तक ही संभव

जयपुर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी में मंगलवार को सुबह सवा नौ बजे से नंदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। ठाकुर श्रीजी को केसरिया रंग की नवीन पोशाक धारण कराकर विभिन्न फूलों से मनोरम श्रृंगार किया जाएगा। विशेष अलंकार धारण करवाए जाएंगे। सुबह धूप झांकी खुलने पर ठाकुर श्रीजी का वेद मंत्रोच्चार के साथ अधिवास पूजन होगा। इसके बाद ठाकुर श्रीजी के नंदोत्सव की विशेष भोग झांकी के दर्शन होंगे। श्रृंगार झांकी में आरती के बाद तिल और यवदान पूजन होगा। उसके मंदिर महंत श्री अंजन कुमार गोस्वामीजी महाराज के सान्निध्य में नंदोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर के जगमोहन में दर्शनार्थी नंद के आंनद भयो जय कन्हैया लाल की…कान्हा जन्म सुन आई यशोदा मैया दे दो बधाई…जैसे बधाइयां गाएंगे। मंदिर महंत अंजन कुमार जी गोस्वामी महाराज कान्हा के प्रकटने पर कपड़े, फल, ट्रॉफी, बिस्किट की उछाल करेंगे।

दो दर्जन झांकियों के साथ करेंगे नगर भ्रमण

आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में 27 अगस्त को शाम साढ़े चार बजे नगर भ्रमण पर निकलेंगे और श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। ठाकुर श्रीजी की शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से जयकारों के साथ रवाना होगी। मंदिर महंत श्री अंजन कुमार गोस्वामीजी महाराज ठाकुरजी की आरती कर शोभायात्रा को रवाना करेंगे। गाजेबाजे के साथ निकलने वाली शोभायात्रा में अनेक वैष्णव मंडल हरिनाम संकीर्तन करते और नृत्य करते हुए चलेंगे। शोभायात्रा जलेबी चौक, हवामहल बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, बापू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, चांदपोल बाजार, बगरू वालों का रास्ता होती हुई मंदिर श्री गोपीनाथ जी पहुंचेगी। शोभायात्रा मार्ग में अनेक विशिष्टजन मुख्य रथ में विराजित ठाकुरजी की आरती उतारेंगे। व्यापार मंडलों और विविध संस्थाओं की ओर से स्वागत द्वार बनाए जाएंगे।

शोभायात्रा में 22 झांकियां, हाथी, ऊंट, घोड़े, बैल का लवाजामा, कीर्तन मंडल और बैंड शामिल होंगे। सबसे आगे प्रथम पूज्य गणपति के प्रतीक के रूप में सजेधजे गजराज पर पंचरंगा निशान लिए सेवक रहेगा। बैलगाडी पर शहनाई वादन होगा। रेगिस्तान के जहाज ऊंट और शक्ति के प्रतीक घोड़े के काफिले के बाद बैंडवादक भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते चलेंगे।

इसके बाद देवी-देवताओं की सुंदर झांकियां होगी। गणेश जी झांकी, तिरुपति बालाजी मंदिर झांकी, सिंधी पंचायत कीर्तन मण्डल,श्री अकृर जी की झांकी,

भगवान श्री राधाकृष्ण के स्वरूप की झांकी के बाद गोविन्द की गैय्या कीर्तन मण्डल और गौर गोविंद महिला मंडल,गोविन्द परिकर कीर्तन मण्डल के लोग हरिनाम कीर्तन करते चलेंगे।

गायों की सेवा प्रेरणा देने के लिए पिंजरापोल गौशाला की ओर से गौसेवा की झांकी भी शोभायात्रा में रहेगी। जयपुर बंगाली मण्डल के कलाकार अपनी खास शैली में हरिनाम कीर्तन करते चलेंगे। ठाकुर श्री गोपीनाथ जी, ठाकुर श्री श्याम सुंदर जी, ठाकुर श्री राधा दामोदर जी, ठाकुर श्री विनोदीलालजी, ठाकुर श्री राधारमणजी, ठाकुर श्री मदनमोहनजी झांकी मानो संदेश देगी कि भगवान एक ही है। बस नाम ही अलग-अलग है। प्रेमावतार षड्भुज महाप्रभु जी, स्व. गोस्वामीजी प्रद्युम्न कुमार देव गोस्वामी, ठाकुर श्रीजी प्रागट्यकर्ता रूप गोस्वामी जी की झांकी भक्तों की महिमा का बखान करेगी।

(Udaipur Kiran) / संदीप

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