
– आगर मालवा और ग्वालियर की कहानियां सशक्त उदाहरण
भोपाल, 28 मई (Udaipur Kiran) । “नमो ड्रोन दीदी योजना” ने आज ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को एक नई उड़ान दे दी है। इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को तकनीक और सरकारी सहयोग से आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है। इस योजना से महिलाओं के जीवन में वास्तविक परिवर्तन आ रहा है।
एक कृषि सीजन में रीना चंदेल अर्जित कर रही 40 हजार से अधिक की आमदनी
जनसंपर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने बुधवार को बताया कि आगर-मालवा जिले के ग्राम थड़ौदा की रीना चंदेल की जिंदगी को योजना से एक नई दिशा मिली है। रीना बताती हैं कि वे अब किसानों के खेतों में नैनो यूरिया और नैनो पेस्टिसाइड का ड्रोन से छिड़काव करती हैं। इसके बदले उन्हें प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान प्राप्त होता है। केवल एक कृषि सीजन में वे 40,000 रूपये से अधिक की आमदनी कर लेती हैं और सालभर में यह आय 1 लाख रूपये तक पहुंच जाती है। साथ ही, वे किसानों को नैनो टेक्नोलॉजी के उपयोग के प्रति जागरूक भी कर रही हैं।
उनका अनुभव बताता है कि ड्रोन तकनीक से संतुलित और प्रभावी छिड़काव संभव होता है, जिससे किसानों को शत-प्रतिशत लाभ मिलता है। मजदूरों की तुलना में यह प्रक्रिया कम समय और कम लागत में पूरी हो जाती है। एक हेक्टेयर खेत में मात्र 5 से 10 मिनट में स्प्रे संभव है।
रीना चंदेल वर्ष 2024 से इस योजना से जुड़ीं और उन्होंने इंदौर एवं भोपाल में ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह प्रशिक्षण उन्हें मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत निशुल्क दिया गया। इतना ही नहीं, योजना के अंतर्गत उन्हें निशुल्क ड्रोन भी प्रदान किया गया, जिससे वे खेती में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर आय अर्जित कर सकें।
किसानों के सलाहकार के रूप में छाई है ड्रोन दीदी निधा
ग्वालियर के मोहना तथा आस-पास के गाँवों में इन दिनों ड्रोन दीदी निधा की चर्चा छाई है। ड्रोन तकनीक से नैनो उर्वरकों का छिड़काव का काम शुरू कर निधा इस इलाके में कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति को आगे बढ़ा रही हैं। साथ ही इस काम के जरिए आत्मनिर्भर बनकर महिला सशक्तिकरण की इबारत लिख रही हैं। सरकार द्वारा संचालित “नमो ड्रोन दीदी” योजना ने निधा को यह काम करने का अवसर मुहैया कराया है।
ग्वालियर जिले की नगर परिषद मोहना की निवासी निधा अख्तर बताती हैं कि भारत सरकार द्वारा संचालित नमो ड्रोन दीदी योजना ने मेरी जिंदगी बदल दी है। मैंने मोहना तथा आसपास के गाँवों के 325 किसानों के खेतों में धान, मटर, सरसों, टमाटर व अन्य सब्जियों वाली फसलों के करीबन 2250 एकड़ से अधिक रकबे पर ड्रोन से नैनो उर्वरक का छिड़काव किया है। निधा का कहना है कि नैनो उर्वरक छिड़काव से एक वर्ष से भी कम समय में मुझे लगभग साढ़े तीन लाख रूपए की शुद्ध आय हुई है।
निधा अख्तर बताती हैं कि मुझे इस योजना के तहत इफको द्वारा ग्वालियर के एमआईटीएस कॉलेज में ड्रोन उड़ाने का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाया गया था। इसके बाद उन्हें संचालनालय नागर विमानन मंत्रालय भारत सरकार से ड्रोन पायलट का लायसेंस मिल गया। लायसेंस मिलने के बाद उनको इफको द्वारा एक ड्रोन, एक इलेक्ट्रिक गाड़ी व एक जनरेटर उपलब्ध कराया गया है। यहीं से हमारी जिंदगी बदल गई। अब हम किसी पर निर्भर नहीं रहे हैं।
निधा अख्तर की सफलता की यह दास्तां यह साबित करती है कि यदि सही अवसरों को पहचानकर आगे बढ़ा जाए तो कामयाबी अवश्य मिलती है। निधा के आत्मविश्वास, मेहनत और तकनीकी समझ से मिली यह सफलता अन्य महिलाओं के लिये प्रेरणास्त्रोत बन गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति धन्यवाद जाहिर करते हुए निधा बोलीं कि सरकार सही मायने में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिये भरपूर अवसर प्रदान कर रही है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के काउंसिल जनरल माइक हैंकी ने ड्रोन दीदी निधा अख्तर से भी मुलाकात की। उन्होंने निधा से फसलों में ड्रोन तकनीक से नैनो यूरिया व नैनो डीएपी छिड़काव के बारे में जानकारी ली।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत
