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नालंदा,बिहारशरीफ 7 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति हो तो कोई भी बाधा सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती। इसी बात को सच कर दिखाया है नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड के परासी गांव की चंद्रलेखा मौर्या ने।उन्होंने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में पहली ही कोशिश में 40वीं रैंक हासिल कर न्यायिक दंडाधिकारी (जुडिशियल मजिस्ट्रेट) बनने का गौरव प्राप्त किया है। उनकी इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर और बधाइयां देकर अपनी खुशी का इजहार किया।
चंद्रलेखा मौर्या की प्रारंभिक शिक्षा उनके ननिहाल में हुई। बचपन से ही वे पढ़ाई में मेधावी थीं और हमेशा कुछ बड़ा हासिल करने का सपना देखती थीं। उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत का ही नतीजा है कि उन्होंने पहली ही बार में यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर ली।चंद्रलेखा मौर्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता सुधा देवी को दिया। उन्होंने कहा, मां ने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया और मेरी हौसला-अफजाई की। कई कठिनाइयां आईं लेकिन दृढ़ निश्चय, कड़ी मेहनत और ईमानदारी से पढ़ाई करने के कारण सफलता मिली।
उन्होंने छात्रों को भी संदेश दिया कि अगर वे मेहनत और ईमानदारी से पढ़ाई करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।उनकी इस उपलब्धि पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। जदयू के कला संस्कृति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष विजय प्रकाश, जदयू के वरिष्ठ नेता राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सुनील दत्त, मथुरापुर गांव के संजय कुमार और जितेंद्र कुमार ने भी उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे
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