नैनीताल, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । कैंची धाम तहसील क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों द्वारा खरीदी गई 210 नाली भूमि पर भू-कानून और अनुमति के अनुरूप कार्य न करने के कारण कार्रवाई की जद में आ गई है। तहसील प्रशासन की जांच में भूमि उपयोग संबंधी अनियमितताओं का अनावरण होने के बाद इस भूमि को राज्य सरकार में निहित करने की रिपोर्ट शासन काे भेज दी गई है।
उप जिलाधिकारी विपिन चंद्र पंत ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में गठित टीम की जांच में पाया गया है कि चौरसा गांव में पीयूष सिंघानिया की 50 नाली, कूल गांव में महस्पति पवार की 100 नाली और छिमी एवं प्यूड़ा गांवों में कुल 60 नाली भूमि पर भू-कानून का पालन नहीं किया गया। खतौनी का ब्याैरा न होने के कारण भूमि को राज्य सरकार में निहित करने के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कैंची धाम तहसील क्षेत्र के सिल्टोना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के बाहुबली विधायक राजा भैया की पत्नी भावनी सिंह की 27.5 नाली भूमि को भी राज्य सरकार में निहित किया गया था। इस कार्रवाई के बाद बाहरी लोगों में खलबली मच गई है। यह कदम उत्तराखंड में भू-कानून के पालन और बाहरी व्यक्तियों द्वारा भूमि के अनुचित उपयोग को रोकने के प्रयासों के तहत उठाया गया है। उप जिलाधिकारी पंत ने स्पष्ट किया कि प्रशासन भू-कानून और अनुमति शर्तों का उल्लंघन करने वाले सभी मामलों पर सख्त कार्रवाई करेगा।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी