Madhya Pradesh

नागदा : एनजीटी ने तालाब प्रदूषण जांच के लिए कमेटी का किया गठन

बनबना तालाब

नागदा, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । उज्जैन जिले के नागदा में स्थित ग्वालियर रियासत के जमाने में बने बनबना तालाब के किनारे प्रस्तावित एक कॉलोनी निर्माण के मामले को नेशनल ग्रीन टिब्युनल (एनजीटी) ने गंभीरता से लिया है। एनजीटी ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी को गठन किया है। कमेटी को 6 सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। एनजीटी ने यह आदेश युवा अभिभाषक अभिषेक चौरसिया निवासी शिवपुरा नागदा की दायर एक याचिका पर दिया। एनजीटी सेंटल बैंच के न्यायधीश शिवकुमारसिंह एवं एक्सपर्ट मैम्बर अपरोज अहमद की बैंच ने गुरूवार शाम को याचिका में दिया। एनजीटी ने कमेटी की संरचना भी निर्धारित की है। जिसमें कलेक्टर उज्जैन का एक प्रतिनिधि, मप्र प्रदूषण बोर्ड के मेम्बर सेक्रेंटरी का एक प्रतिनिधि एवं स्टेट वेटलेंड बोर्ड को शामिल किया गया है। कमेटी के समक्ष याचिकाकर्ता को प्रमाण अपनी बात के पक्ष में प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। एनजीटी आदेश की प्रति हिंस संवादाता के पास सुरक्षित है।

यह है मामला : एनजीटी में प्रस्तुत याचिका के मुताबिक नपा नागदा सीमा में गावं पाड़ल्या कलॉ में स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1378 एवं 1379 पर आंनद वाटिका नामक कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। आरोप है कि यह भूमि किसी समय ग्रीन बेल्ट की थी। जिसको बाद में अवैधानिक तरीके से परिवर्तन कराया गया। याचिका में इस बात को प्रमुखता से उठाया गया कि कॉलोनी निर्माण से प्रचीन धरोहर बनबना तालाब के अस्तित्व पर संकट होगा। कॉलोनी निर्माण से जल प्रदूषण भी संभावित है। आस्तित्व पर खतरा पूर्व में बायपास निर्माण से तालाब की जल संग्रहण क्षमता प्रभावित हुई और अब एक बार फिर से तालाब के आसपास नों कन्स्ट्रक्शन ज़ोन होने के बावजूद बड़े पैमाने पर निर्माण एवं व्यवसायिक गतिविधिया, सीवेज, अपशिस्टए कचरा एवं कॉलोनी विकास आदि से भविष्य मे तालाब का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा ।

—————

(Udaipur Kiran) / कैलाश सनोलिया

Most Popular

To Top