
नागदा, 11 जून (हिंस)। मूर्धन्य साहित्यकार प्रो. अजहर हाशमी की अब स्मृतियां शेष है। प्रो हाशमी मंगलवार शाम (10 जून) को कर्मभूमि रतलाम में सदा-सदा के लिए चिरनिद्रा में सो गए। उन्हे उनकी कविता बेटिया पावन दुआए है से खूब प्रसिद्धी मिली थी। दिवंगत कवि की उज्जैन जिले के नागदा से कई स्मृतियां जुड़ी है। उनसे जुड़े कुछ कार्यक्रमों की स्मृतियां अब लोगों को ताजा हो रही है। हालांकि उनकी कर्मभूमि रतलाम में रही है।
रतलाम की कई खूबियों में एक खासियत यह भी थीकि इस शहर में सांप्रदायिक सौहार्द्र्र और सामाजिक समरसता के प्रतीक प्रो. हाशमी ने इस भूमि की धरा पर काव्य सर्जन किया। वह भी ऐसा कि वह देशभर में ख्यात हुआ। सरस्वती उनकी जिंहा पर विधमान थी। वे एक कुशल वक्ता इसलिए माने जाने थे प्रत्येक विषय पर बोलते समय अपनी बात के पक्ष में गीता के श्लोक उनके कंठ में विराजमान थे। लेखनी बस चिंतन प्रकट करती थी।कवितां में सामयिक विषयों पर अनूठा संदेश महकता था। वे उच्च कोटि के विचारक थे। सहज सरल और सादगी के प्रतिमूर्ति भी ।
नागदा मे गूंजे थे उनके गीता श्लोक
नागदा में वैसे तो वे कई बार आए लेकिन दो प्रमुख कार्यक्रम में प्रो. हाशमी साहब ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। तब शहर के गणमान्य इस मूर्धन्य साहित्यकार को सुनने के उमड़े थे। वर्ष 2007 में प्रेस क्लब नागदा के एक कार्यक्रम में आए थे। मामला यह थाकि शहर की एक 22 वर्षीय बेटी रीमा तोलानी की दोनों किडनियों ने धोखा दे दिया।
उसकी गोद में एक वर्ष की मासूम बेटी पल रही थी। रीमा के पति की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थीकि वे किडनी उपचार के लिए लगभग उस समय का खर्च 3 लाख 50 हजार खर्च कर सकें। प्रेस क्लब ने इस बेटी का उपचार के लिए जनसहयोग से एक मुहिम चलाई।
जनता का और विशेषकर यहां के ग्रेसिम उद्योग के श्रमिकों का जिन्होंने एक दिन का वेतन सहयोग में प्रेस क्लब को अर्पित किया। रीमा का किडनी ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन इंदौर में हुआ। जब रीमा मौत को मात देकर शहर में लौटी तो प्रेस क्लब के तत्वावधान मे आस्था सम्मेलन के नाम से नपा कम्यूनिटी सभागृह में कार्यक्रमू हुआ । सैकड़ो लोग रीमा को दुआ देने पहुंचे। इस कार्यक्रम का नाम आस्था सम्मलेन रखा गया। इस कार्यक्रम में बदलते परिवेश में कलमकारों के दायित्व विषय के मुख्य वक्ता प्रो. हाशमी थे। यह कार्यक्रम 9 दिसंबर 2007 को हुआ।
उन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी चिरपरिचित शैली में बेटी कविता सुनाई थी। साथ ही अपनी कविता प्रसिद्ध कविता बेटी की तस्वीर बेटी रीमा को बतौर स्मृति भेंट की थी। इस कार्यक्रम में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय नेता थावरचंद गेहलोत, प्रखर पत्रकार शिवकुमार विवेक, तत्कालीन विधायक दिलीपसिंह गुर्जर, वरिष्ठ भाजपा नेता सुल्तानसिंह शेखावत , ग्रेसिम के तत्कालीन एचआरडी प्रमुख क.ेके.एल. दास समेत कई राजनेताओं ने मंच साझा किया । यह कार्यक्रम प्रो हाशमी की वाणी से गीता के श्लोक से यादगार बना।
कवि स्मृति व्याख्यानमाला में वक्ता
इसी प्रकार से एक अन्य कार्यक्रम नागदा शहर के मूर्धन्य कवि गांधीमानस महाकाव्य रचयिता स्व. नटवरलाल स्नेही के अवसान के बाद उनकी स्मृति में बनी स्नेही साहित्य संस्था के बैनर तले हुआ। दिवंगत कवि स्नेही की स्मृति में 20 जनवरी 1998 में एक व्याख्यान माला का आयोजन खंडेलवाल घर्मशाला नागदा में हुआ। इस आयोजन के मुख्य वक्ता प्रांे. हाशमी थे।
इस आयोजन में राजस्थान की प्रथम महिला विधायक स्व. यशोदा बहिन, विक्रम विश्व विघालय के तत्कालीन विभागाध्यक्ष डॉ हरिमोहन बुधौलिया, उज्जेन के साहित्यकार प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा,,तत्कालीन विधायक दिलीपसिंह गुर्जर, वरिष्ठ पत्रकारद्धय क्रंातिकुमार वैद्य (उज्जैन) और ऋषिकुमार शर्मा (रतलाम) ने भी मंच सांझा किया था। इस आयोजन में प्रो. हाशमी ने रोचक कहानियों एवं कविताओं के माध्यम से अनूठा समां बांधा था।
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(Udaipur Kiran) / कैलाश सनोलिया
