नई दिल्ली, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान पर वर्तमान सरकार द्वारा समुदाय विशेष के उत्पीड़न की कहानी गढ़ने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इसके लिए नदीम खान ने चुनिंदा सूचनाओं को प्रसारित किया। दिल्ली पुलिस ने नदीम खान के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को रोकने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल जवाब में ये बातें कही हैं। इस मामले की सुनवाई कल यानी 11 दिसंबर को जस्टिस जसमीत सिंह करेंगे।
दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा है कि नदीम खान ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की। हाई कोर्ट ने 6 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। नदीम खान के खिलाफ साकेत कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। गैर जमानती वारंट दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर के मामले में जारी किया गया है। दिल्ली पुलिस ने नदीम खान पर यूट्यूब पर वीडियो डालकर समाज में वैमनस्य फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज किया है।
नदीम खान की याचिका में कहा गया है कि साकेत कोर्ट की ओर से जल्दबाजी में गैर जमानती वारंट जारी किया गया है जबकि उनकी ओर से कोई गलती नहीं की गई है।
बता दें कि नदीम खान की दिल्ली हाई कोर्ट में ये दूसरी याचिका है। पहली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने 3 दिसंबर को नदीम खान की गिरफ्तारी से अगले आदेश तक सुरक्षा देने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने नदीम खान को निर्देश दिया कि कल जांच में शामिल हों और उसमें सहयोग करें। कोर्ट ने नदीम को जांच अधिकारी की अनुमति के बिना देश छोड़कर जाने से मना किया है।
सुनवाई के दौरान नदीम खान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि एफआईआर में किसी भी संज्ञेय अपराध का खुलासा नहीं किया गया है। इसका विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा था कि संज्ञेय अपराध होने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। नदीम खान की ओर से हिंसा को उकसाने के पर्याप्त सबूत हैं।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि नदीम खान देश की शांति को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे और ये वीडियो में साफ दिख रहा है। तब कोर्ट ने कहा था कि आप समझने की कोशिश कीजिए। हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। हमारे देश का सद्भाव इतना कमजोर नहीं है कि एक प्रदर्शनी या एक वीडियो से खराब हो जाएगा। किसी के चिल्लाने भर से सद्भाव खराब नहीं हो जाएगा।
नदीम खान एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राईट्स (एपीसीआर) के राष्ट्रीय सचिव हैं।
नदीम खान ने याचिका दायर कर दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है दिल्ली पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि एक सब-इंस्पेक्टर को पेट्रोलिंग के दौरान खूफिया सूत्रों से पता चला कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया गया है जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी हौ और वो हिंसा का रुप ले सकता है। एफआईआर में कहा गया है कि रिकॉर्ड्स ऑफ हिन्दुस्तान इन मोदी सरकार नामक शीर्षक वाला वीडियो 21 नवंबर को अपलोड किया गया। ये वीडियो अकरम ऑफिशियल 50 नामक चैनल ने अपलोड किया।
एफआईआर के मुताबिक अपलोड किए गए वीडियो में एक प्रदर्शनी के दौरान एक स्टाल पर एक व्यक्ति ने एक बैनर की तरफ इशारा करते हुए नदीम, अखलाक, रोहित वेमुला, पहलू खान के बारे में बात की और उसके बाद 2020 के शाहीन बाग प्रदर्शन, दिल्ली दंगे और एक खास समुदाय को शिकार बनाये जाने की बात की। दिल्ली पुलिस के मुताबिक स्टाल एपीसीआर का था और वीडियो में जो व्यक्ति बोल रहा था वो नदीम खान था।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा