
देहरादून, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । तमिलनाडु के वेटलिफ्टर एन अजित ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए राष्ट्रीय खेल में पुरुषों की 73 किग्रा भारवर्ग में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीतकर गोल्ड मेडल की हैट्रिक पूरी कर ली। इससे पहले उन्होंने गुजरात, गोवा और अब उत्तराखंड में स्वर्ण पदक जीता है।
ओलंपियन वेटलिफ्टर एम तमिलसेलवन और सतीश शिवलिंगम के गांव से आने वाले अजित का वेटलिफ्टिंग से जुड़ाव स्वाभाविक था। ये सभी तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के छोटे से गांव सथुवाचारी से आते हैं। हालांकि, अजित का सफर आसान नहीं था। उनके पिता बेंगलुरु में एक फल विक्रेता थे, जिनकी सीमित आर्थिक स्थिति के कारण अजित को अपने सपनों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके मामा भास्करन, जो रेलवे के लिए वेटलिफ्टर थे, ने उन्हें उनके गांव वापस भेज दिया और वो एक बार फिर खेल से जुड़ गए। इसके बाद अजित ने मयिलादुथुरई स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया और धीरे-धीरे भारत के शीर्ष वेटलिफ्टर में अपनी जगह बना ली।
अजित ने स्नैच के पहले प्रयास में 136 किग्रा भार उठाने की असफल कोशिश की लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास बनाए रखा और अगले प्रयास में 136 किग्रा तथा अंतिम प्रयास में 140 किग्रा सफलतापूर्वक उठाया। क्लीन एंड जर्क में, उन्होंने 166 किग्रा के मजबूत प्रयास के साथ शुरुआत की और फिर 171 किग्रा भार उठाकर कुल 311 किग्रा के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक पक्का कर लिया। अपनी जीत सुनिश्चित होते ही उन्होंने तीसरे प्रयास की जरूरत नहीं समझी।
अपनी इस शानदार उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए अजित ने कहा, एक वेइटलिफ्टर के लिए सबसे जरूरी है कि उसके शरीर को कोई नुकसान ना हो, और भगवान की कृपा से मैं यह कर पाया हूं। लगातार तीन बार राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीतना आसान नहीं है। यह मेरे कोचों और सपोर्ट स्टाफ की मेहनत का नतीजा है। मैंने अपने प्रशिक्षण में पूरी तरह अनुशासन बनाए रखा और यही इस सफलता की वजह है।
हरियाणा के दीपक लाठर ने अजित को कड़ी चुनौती दी। स्नैच में दीपक ने अजित से 1 किग्रा अधिक 141 किग्रा भार उठाकर शुरुआती बढ़त हासिल कर ली। हालांकि, क्लीन एंड जर्क में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। उन्होंने 156 किग्रा से शुरुआत की, लेकिन पहले प्रयास में असफल रहे। अपने तीसरे प्रयास में 160 किग्रा उठाकर कुल 301 किग्रा स्कोर किया और रजत पदक जीता।
सर्विसेज के ललहुनथारा ने 127 किग्रा के स्नैच लिफ्ट के साथ कांस्य पदक जीता। क्लीन एंड जर्क में उनके पहले दो प्रयास 167 किग्रा पर असफल रहे, लेकिन अंतिम प्रयास में उन्होंने 167 किग्रा उठाकर कुल 293 किग्रा के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। एन अजित की यह जीत उनकी निरंतरता और अनुशासन का प्रमाण है। लगातार तीन राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने भारतीय वेटलिफ्टिंग में अपनी मजबूत पहचान बनाई है और आने वाली पीढ़ी के एथलीटों के लिए एक उच्च मानक स्थापित किया है।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
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