RAJASTHAN

परस्पर सद्भाव ही समता से जुड़ी हमारी संस्कृति:राज्यपाल

समता महोत्सव 2025 आयोजित

जयपुर, 9 मार्च (Udaipur Kiran) । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि परस्पर सद्भाव ही समता से जुड़ी हमारी संस्कृति है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति व्यक्ति में भेद नहीं हो। छुआछूत नहीं हो। मनों का मेल हो। जहां कोई छोटा या बड़ा नहीं होता वहीं समता भाव होता है।

उन्होंने संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. बी.आर अंबेडकर द्वारा मैं पहले भारतीय हूँ और अंतिम रूप में भारतीय रहूँगा। की चर्चा करते हुए इस संदेश को सभी को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने संविधान निर्माण में योगदान देने वाले महापुरुषों को याद करते हुए, प्राचीन भारतीय ज्ञान—परम्परा का उल्लेख करते हुए और भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए कार्य करने पर जोर दिया।

बागडे संविधान निर्माण के 75 साल पूर्ण होेने के अवसर पर कोरो इंडिया द्वारा आयोजित ‘समता महोत्सव 2025′ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सामाजिक न्याय, समता, बंधुता और संविधान के मूल्यों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने कहा कि भारत का अर्थ ही है-ज्ञान और दर्शन की वह महान परम्परा जिसने सारे विश्व को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सूत्र के साथ अपना परिवार मानने का संदेश दिया है। उन्होंने संविधान निर्माण के 75 वर्षों में देश में हुए विकास की चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी सामाजिक समता और संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करते हुए आगे बढें।

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(Udaipur Kiran)

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