Uttar Pradesh

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

मौलाना खालिद रशीद फिरंगी फोटो

लखनऊ, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मदरसों की आर्थिक सहायता रोकने की सिफारिश पर रोक लगा दी। जिसके बाद लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, मौलाना यासीन अब्बास सहित तमाम मुस्लिम धर्मगुरुओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मदरसों को एनसीपीसीआर के शिक्षा के अधिकार कानून का पालन नही करने पर सरकारी वित्त पोषित और सहायता प्राप्त पर रोक लगाने की सिफारिश की थी। जिस पर मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवक्ता ने तमाम दलील रखी है।

वही, लखनऊ ईदगाह के इमाम और धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि मदरसों के नाम पर कोई गलत निर्णय नहीं होना चाहिए। मदरसे हर धर्म के लिए खुले हुए हैं, मदरसों के छात्रों को भी शिक्षा का पूरा अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासीन अब्बास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मदरसों को लेकर आए फैसले का स्वागत है। मदरसों को बंद करने की साजिश की जा रही है। जिस पर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने रोक लगा दी है।

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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र

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