
जोधपुर, 05 मई (Udaipur Kiran) । स्विटजरलैंड के म्यूजियम रीटबर्ग में भारत के सांस्कृतिक वैभव की छटा अब और निखरने वाली है। जोधपुर की भव्या गौड़ का चयन वहां प्रदर्शित चंबा रुमाल कलेक्शन पर रिसर्च के लिए हुआ है। ये शोध विख्यात आर्ट हिस्टोरियन और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. एबरहार्ड फिशर के निर्देशन में होगा।
म्यूजियम रीटबर्ग में सिलेक्शन के बाद भव्या अपने शोध का पहला चरण स्विटजरलैंड में भारतीय कला परंपरा के प्रतीक के रूप में सहेजे हुए चंबा रुमाल कलेक्शन पर पूरा किया। स्विस जीबीएफ फाउंडेशन ने भव्या के शोध खंड के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट पब्लिश की है। फील्ड रिसर्च के लिए इन दिनों भव्या भारत आई हुई हैं। अपने स्वदेश प्रवास के दौरान वो हिमाचल प्रदेश के कला संरक्षकों और शिल्पकारों के साथ रह कर उनकी विरासत पर शोध करेंगी। शोध के अगले चरण के लिए वे जून में वापस स्विटजरलैंड जाएंगी।
ज्ञात रहे कि जोधपुर में स्कूली शिक्षा के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में ऑनर्स स्नातक करने के बाद भव्या गौड़ दक्षिण एशियाई कला का सौंदर्य विश्व के साथ साझा करने के मिशन पर हैं। लंदन यूनिवर्सिटी के शॉस से क्यूरेटिंग कल्चर्स में मास्टर डिग्री के दौरान अध्ययन ने कला, इतिहास और संस्कृति के अंतर्संबंध में उनकी विशेषज्ञता को निखारा है। भव्या ने जोधपुर के मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट में क्यूरेटोरियल इंटर्न के रूप में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
(Udaipur Kiran) / सतीश
