Uttrakhand

म्यूरल्स से बढ़ेगी नैनीताल की सुंदरता, विश्व फलक पर दिखेगी पर्वतीय संस्कृति की झलक

नैनीताल की मॉल रोड पर स्थापित खरगोशों एवं डीएसबी की दीवार पर लगा तिरंगा थाने सैनिकों का म्यूरल।

– सरोवरनगरी का ‘थीम बेस्ड’ हाेगा सौंदर्यीकरण, सैलानियाें के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे म्यूरल्स

नैनीताल, 03 सितंबर (Udaipur Kiran) । सरोवरनगरी में सड़कों-चौराहों के सौंदर्यीकरण के साथ अलग-अलग स्थानों पर ‘थीम बेस्ड’ सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू हो गया है। इसके तहत नगर के विभिन्न स्थानों पर आकर्षक म्यूरल्स लगाए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत तल्लीताल में झील नियंत्रण कक्ष की दीवार पर बंकर पर मुस्तैद सेना के जवान के म्यूरल से हुई थी। अब नगर की मॉल रोड पर कैनेडी पार्क के पास खरगोशों और डीएसबी परिसर की दीवार पर तिरंगा थामे सेना के जवानों के म्यूरल लगा दिए गए हैं। इससे विश्व फलक पर शुमार नैनीताल की सुंदरता बढ़ेगी और देश-दुनिया काे पर्वतीय संस्कृति की झलक भी दिखेगी।

दरअसल, पूर्ववर्ती जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल के समय में बाजारों में दुकानों के शटरों को कुमाऊनी लोक संस्कृति में रंगने व दुकानों एवं तल्लीताल-मल्लीताल के रिक्शा स्टैंडों को एकरूप पत्थरों से कुमाऊनी स्वरूप देने के कार्य हुए। वहीं वर्तमान जिलाधिकारी वंदना सिंह के आने के बाद सड़कों के चौड़ीकरण व सौंदर्यीकरण कार्य हो रहे हैं। इसी कड़ी में नगर में विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग ‘थीम बेस्ड’ सौंदर्यीकरण के कार्य शुरू हो गए हैं। इसके तहत मल्लीताल में पंत पार्क के पास पेड़ों के नीचे बैठने की सुविधायुक्त ट्री-गार्ड लगाए गए हैं।

लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता गोविंद सिंह जनौटी ने बताया कि आगे नैनी झील किनारे नौका चालक एवं तारों से बनी नौका का जबकि तल्लीताल में गांधी मूर्ति के पास एक पर्वतीय महिला का आधा पारदर्शी, झील को भी साथ में दिखाने वाला म्यूरल लगाने की तैयारी है। इसके अलावा बारापत्थर में ‘एसी पॉइंट’ के पास दूर से महिला जैसी दिखने वाली अंदर बैठने की सुविधा वाली झोपड़ी बनने जा रही है। साथ ही चिड़िया घर रोड पर भालू का म्यूरल लगाने की योजना है। सहायक अभियंता ने बताया कि सौंदर्यीकरण के कार्यों का उद्देश्य माल रोड से भीड़ का दबाव कम करना है। इसमें नैनीताल और पर्वतीय संस्कृति की झलक भी दिखेगी, ताकि देश-दुनिया से आने वाले पर्यटक इनके पास सेल्फी लें और फोटो खिचवाएं। खरगोशों के नीचे कुमाऊनी में ‘दगड़ू’ यानी साथी लिखवाया जाएगा।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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