Madhya Pradesh

छतरपुर : पथराव कांड के लिए सुप्रीम कोर्ट के जजों की जांच कमेटी बनना चाहिए : मुंजारे

छतरपुर : पथराव कांड के लिए सुप्रीम कोर्ट के जजों की जांच कमेटी बनना चाहिए : मुंजारे

छतरपुर, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । बालाघाट जिले के क्रांतिकारी नेता कंकर मुंजारे ने रविवार को छतरपुर जिले की पत्थरबाजी वाली घटना को लेकर प्रेसवार्ता की जिसमें उन्होंने छतरपुर की इस घटना को संविधान के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की घोर निंदा की। कंकर मुंजारे बालाघाट से तीन बार विधायक रह चुके हैं एवं पूर्व में बालाघाट से सांसद भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह क्रांतिकारी पार्टी के नेता हैं। रविवार काे उन्होंने सर्किट हाउस छतरपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुस्लिम समाज के द्वारा पत्थरबाजी घटना के कारण मकान तोडऩे की कार्यवाही का घोर विरोध किया है , उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि अपराधी का मकान तोड़ा जाए। इसके लिए न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है। परंतु भाजपा प्रदेशित सरकारों में अपराध करने वालों के घर तोडऩे की कार्यवाही किए जाने की मैं निंदा करता हूँ।छतरपुर में जो घटना हुई है उसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के जजों की द्वारा एक जांच कमेटी बनाई जाना चाहिए वह इस घटना की जांच करे। और जो लोग भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाना चाहिए। परंतु उन्होंने कहा कि छतरपुर जिले के कलेक्टर एवं एसपी को इस जिले से तत्काल हटाकर ही जांच की जाना चाहिए। प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उन्होंने रिमोर्ट कंट्रोल के सहारे चलने वाला मुख्यमंत्री करार दिया। कंकर मुुंजारे ने कहा कि लोकतंत्र इस समय खतरे में है और पूरे देश में हिटलरशाही चल रही है।

यदि भाजपा की सरकारों को इस तरह की कार्यवाही करना है तो फिर विधानसभाए राज्यसभा एवं लोकसभा के चुनाव ही नहीं कराना चाहिए और जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों का यह खुलेआम अपमान किया जा रहा है। छतरपुर की घटना को लेकर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए आनन फानन में बुल्डोजर वाली कार्यवाही करने में लगा रहा। जबकि वास्तविकता यह है कि मुस्लिम समाज के लोग यदि ज्ञापन देने आए थे तो साधारण तरीके से ज्ञापन लिया जा सकता था। परंतु पुलिस के द्वारा एक वर्ग विशेष के साथ जो मारपीट व वर्ताब किया गया है वह भारत देश के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि वह मुस्लिम मोहल्ले में जाकर आम जनता से बात करें और जिले में शांति समिति की बैठक बुलाएं जिससे मुस्लिम समुदायों में डर का माहौल है वह खत्म हो महिलाओं बच्चों में इस घटना से जो डर व्याप्त है वह समाप्त हो। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भोपाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी एवं केन्द्र में भी इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा वर्तमान में विपक्ष बहुत कमजोर है जिसके कारण कई मुद्दे होने के बाद भी नहीं उठाए जाते। प्रदेश में नौकरशाही ब्यूरोक्रशी हावी है। और अधिकारी अपनी मनमानी करने पर उतारू हैं।

(Udaipur Kiran) / सौरव भटनागर

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