
जोधपुर, 19 मई (Udaipur Kiran) । श्री साधु मार्गी जैन परम्परा के राष्ट्रीय सन्त आचार्य रामेश की प्रेरणा से उनके सान्निध्य में देश भर में निरन्तर सांसारिक आत्माएं सांसारिक जीवन त्याग कर साधु जीवन अपनाने को अग्रसर होती जा रही है। अपने आचार्य पद काल के 25 वर्षो में उन्होंने अब तक 430 से भी अधिक चारित्र आत्माओं को दीक्षा प्रदान की है।ऐसी ही एक विशिष्ट होनहार जालम विलास पावटा की बेटी मुमुक्षु चारु छाजेड़ आगामी 28 मई को बीकानेर की पुण्य धरा पर आचार्य रामेश के पावन सानिध्य में दीक्षा अंगीकार करने जा रही है। 16 अगस्त 2000 को गुजरात के गांधी धाम में जन्मी मुमुक्षु चारु छाजेड़ ने सिविल इन्जीनियरिंग में बीटैक की शिक्षा प्राप्त की। अपने लगभग साढ़े तीन वर्ष के वैराग्य काल के दौरान धार्मिक अध्ययन में पुच्छीसुणम, श्रीमद् दशवैकालिक सूत्र, श्री नन्दी सूत्र,उत्तराध्ययन सूत्र के कुछ अध्ययन, तत्व का ताला भाग- एक के थोकड़े, श्रीमद् प्रज्ञापना सूत्र एवं श्रीमद् भगवती सूत्र के कुछ थोकड़े, कर्म प्रज्ञप्ति एवं अन्य थोकड़े एवं धार्मिक परीक्षा में जैन सिद्धांत भूषण, जैन सिद्धांत आदि का अध्ययन किया एवं श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ द्वारा मुमुक्षुओं हेतु संचालित आरोग्बोहिलाभं में भी धार्मिक शिक्षा प्राप्त की। अपने साढ़े तीन वर्ष के वैराग्य काल में लगभग 300 किलोमीटर की पद यात्रा की तथा कई बेले, तेले,आयम्बिल, अठाई, सिद्धीतप, 11, 15, मासखामण, वर्षी तप आदि उपवास तप की अनेकों आराधना की।
मुमुक्षु मासूमी पटवा का किया अभिनंदन
आगामी पांच जून को चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में आचार्य प्रवर हीराचंद महाराज एवं भावी आचार्य महेंद्र मुनि के सानिध्य में दीक्षा लेने वाली मुमुक्षु मासूमी पटवा का उछव कंवर उदय कंवर शांतिलाल लीलादेवी श्रीश्रीमाल परिवार द्वारा ओसवाल कम्युनिटी सेंटर में अभिनंदन किया गया।
वीरेंद्र जैन एवं अरुण जैन ने बताया कि मासूमी पटवा का परिवार के सदस्यों द्वारा अभिनंदन किया गया। साथ ही गीत, बंदोला की रस्म अदा की गई। मासूमी पटवा ने संयम पथ पर अग्रसर होने से पहले परिवार द्वारा उनके साथ बिताए पलों को याद किया। इस दौरान रवि जया भंडारी, गिरीश सिंपल श्रीश्रीमाल, प्रवीण मनीषा, दिनेश निधि, वीरेंद्र अनिता आदि ने सहयोग करके कार्यक्रम को भव्य रूप दिया।
(Udaipur Kiran) / सतीश
