CRIME

मुम्बई निवासी का परवाणू में हुआ डिजिटल अरेस्ट, तीन लोग राजस्थान से गिरफ्तार

Digital arrest

सोलन, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । परवाणू में मुम्बई निवासी एक व्यक्ति ने 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट होने और लाखों रुपये देने के बाद ठगी का शिकार होने का मामला सामने आया औ। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

पीड़ित व्यक्ति ने 8 नवंबर को परवाणू थाना में शिकायत दर्ज कराई कि 7 अक्टूबर को उसे मोबाइल नंबर 97382-92415 से एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को डीएचएल कोरियर सर्विस का कर्मचारी बताते हुए कहा कि उसके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल चीन को अवैध पार्सल भेजने के लिए किया गया है। कॉल करने वाले ने उसे बताया कि कस्टम विभाग ने इस पार्सल को कब्जे में लिया है जिसमें अवैध ड्रग्स और अन्य संदिग्ध सामान हैं।

इसके बाद कॉल करने वाले ने उसे एक फर्जी सीबीआई अधिकारी विनय कुमार से बात करवाई जिसने कहा कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में हुआ है और यह 538 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग मामले से जुड़ा है। आरोपी ने उसे कहा कि मामले की जांच करने के लिए पैसे ट्रांसफर करने होंगे। डर और धमकियों के चलते पीड़ित ने अलग-अलग किश्तों में कुल 18.65 लाख रुपये आरोपियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।

इन आरोपियों ने पीड़ित को लगातार व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर रखा और उसे डिजिटल अरेस्ट कर दिया जिससे वह 7 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक भयभीत रहा। हालांकि 19 अक्टूबर को जब आरोपियों ने उसे बताया कि केस खत्म हो गया है और पैसे वापस करने के लिए 10% राशि की मांग की तब पीड़ित को शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस द्वारा टेक्निकल और साइबर सैल की मदद से जांच की गई और तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपी राजस्थान के उदयपुर जिले के निवासी विनय पालीवाल, राहुल टेलर, और लोकेश खटिक हैं। पुलिस द्वारा इनके बैंक खातों की जांच में करीब 40 लाख रुपये की ठगी की राशि का पता चला है। इसके अलावाआरोपियों के खातों में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए करीब तीन करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे, जो अब जांच के दायरे में है।

पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि यह ठगी का नेटवर्क राजस्थान और गुजरात राज्यों में काफी सक्रिय था और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोगों को भी ठगी का शिकार बनाता था। पुलिस द्वारा इन आरोपियों की पूर्व अपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद चार दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है और मामले की जांच जारी है

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(Udaipur Kiran) / संदीप शर्मा

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