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एमएसएमई एक बड़ी ताकत, लाखों देशवासियों को दे रहा है रोजगार : गोयल

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वाणिज मंत्री पीयूष गोयल

गोयल बाेले-उभरते भारत के लिए एमएसएमई के योगदान नकारा नहीं जा सकता

नई दिल्‍ली, 24 अगस्‍त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को केवल एक छोटा उद्यम नहीं समझना चाहिए, इसकी सोच छोटी या नकारात्मक नहीं होनी चाहिए, क्योंकि एमएसएमई एक बड़ी ताकत है, वे सफल हैं, वे देश की ताकत हैं, लाखों देशवासियों को रोजगार दे रहे हैं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राजधानी नई दिल्ली में 10वें भारत अंतरराष्‍ट्रीय एमएसएमई स्टार्टअप एक्सपो एवं शिखर सम्मेलन-2024 में अपने संबोधन में यह बात कही। गोयल ने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश एमएसएमई को देश के बाहर से अनुचित प्रतिस्पर्धा से भी बचाते हैं। वाणिज्‍य मंत्री ने एमएसएमई की चर्चा करते हुए कहा कि यह बड़े उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला हैं।

गोयल ने कहा कि नवोन्मेषी विचार और काम करने के नए तरीके एमएसएमई के उद्यमियों की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों और उद्यमों के इर्द-गिर्द पूरा पारिस्थितिकी तंत्र हजारों एमएसएमई से बना है, जिनके बिना वे सफल नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि एमएसएमई बड़े उद्योगों के आपूर्तिकर्ता और ग्राहक दोनों के रूप में कार्य करते हैं। गोयल ने बताया कि एमएसएमई देश के पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और भारत के निर्यात में इनका बड़ा हिस्सा है।

वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र का विकास देश के लिए महत्वपूर्ण है और सरकार के लिए इस पर ध्यान देने का विषय है। उन्‍होंने कहा कि जब 140 करोड़ देशवासी राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए एकजुट होंगे, तो भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा और हम सभी के लिए समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं। गोयल ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसी) के माध्यम से सरकार एमएसएमई क्षेत्र का समर्थन कर रही है।

उन्होंने कहा कि हम एमएसएमई की जरूरतों को पूरा करने के लिए समय दे रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि एमएसएमई को दो कारणों से लाभ होगा। क्यूसी देश के बाहर से अजीब दरों पर आयात किए जाने वाले घटिया सामानों को रोकते हैं और इस प्रकार एमएसएमई क्षेत्र को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाकर मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं कि कैसे क्यूसी ने अलग-अलग क्षेत्रों को लाभान्वित किया है।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर / रामानुज

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