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कौशल भारत मिशन में एआई असिस्टेंट के लिए एमएसडीई ने मेटा के साथ साझेदारी की

मेटा के साथ साझेदारी दस्तालवेज का आदान-प्रदान करते एमएसडीई मंत्रालय के अधिकारी
मेटा के साथ साझेदारी के अवसर पर कौशल विकास राज्य मंत्री जयंत चौधरी

-मंत्रालय ने स्किल इंडिया मिशन में एआई असिस्टेंट के लिए मेटा से हाथ मिलाया

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने सोमवार को कौशल भारत मिशन के लिए कृत्रिम मेधा सहायक (एआई असिस्टेंट) लाने और वर्चुअल रियलिटी तथा मिक्स्ड रियलिटी में उत्कृष्टता के पांच केंद्र स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनी मेटा के साथ साझेदारी की है। एआई असिस्टेंट पर इस साझेदारी का उद्देश्य सूचना तक पहुंच को सरल बनाना, सीखने के परिणामों में सुधार करना और सहज डिजिटल इंटरफेस के माध्यम से छात्रों को निर्बाध सहायता प्रदान करना है।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि इस साझेदारी के तहत मेटा के ओपन-सोर्स लामा मॉडल द्वारा संचालित एक अभिनव एआई-संचालित चैटबॉट को स्किल इंडिया डिजिटल (एसआईडी) पोर्टल पर शिक्षार्थियों के अनुभव को बढ़ाने के लिए विकसित किया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक इसके अलावा हैदराबाद, बेंगलुरु, जोधपुर, चेन्नई और कानपुर में राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) के 5 उत्कृष्टता केंद्र शिक्षार्थियों और प्रशिक्षकों को नवीनतम वीआर प्रौद्योगिकी से लैस करेंगे, ताकि वे सुरक्षित, मनोरंजक और आकर्षक वातावरण में मौजूदा कौशल सीख सकें और बढ़ा सकें।

कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने इस साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारा मिशन भारत के युवाओं को आज के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी और मिक्स्ड रियलिटी जैसी तकनीकों को स्किल इंडिया इकोसिस्टम में एकीकृत करके, हम देश के युवाओं के लिए व्यक्तिगत शिक्षण मार्ग को सक्षम करने वाली अत्याधुनिक तकनीकों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मेटा के साथ हमारी साझेदारी आज इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष और सार्वजनिक नीति प्रमुख शिवनाथ ठुकराल ने कहा कि मेटा में हम भारत के आर्थिक विकास के लिए सार्थक प्रभाव पैदा करने के लिए एआई, वीआर और एमआर जैसी अग्रणी तकनीकों का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्‍होंने कहा कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ ये साझेदारियां प्रौद्योगिकी और शिक्षा के बीच की खाई को पाटने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। ठुकराल ने कहा कि ओपन-सोर्स लामा जैसी उन्नत तकनीकों के एकीकरण के माध्यम से हमारा लक्ष्य न केवल छात्रों को बल्कि शिक्षकों और उद्यमियों को भी सशक्त बनाना है, उन्हें आज की डिजिटल-फर्स्ट दुनिया में कामयाब होने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करना है।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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