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मुख्यमंत्री महोदय पीजीआई में हिम केयर के भुगतान की जिम्मेदारी कौन लेगा : जय राम ठाकुर

jai ram thakur

मंडी, 19 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कुछ दिन पहले पीजीआई में हिम केयर से इलाज की व्यवस्था शुरू करने की बात सामने आई और सरकार में बैठे एक-एक नेता, मंत्री ने इसका खूब ढिंढोरा पीटा। उहोंने कहा कि डिजिटल, सोशल, इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट से लेकर सड़कों को होर्डिंग से पाट दिया गया कि पीजीआई से एमओयू साइन हो गया है। छह महीने भी व्यवस्था ठीक से नहीं चल पाई और सरकार ने पीजीआई का भुगतान भी रोक दिया है। जिसकी वजह से बहुत जटिल और जानलेवा बीमारियों का प्रदेश के बाहर इलाज करवा रहे हिमाचल प्रदेश के लोग अब परेशान हो रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पीजीआई के 14 करोड़ रुपए का भुगतान रोक दिया है जिसके कारण पीजीआई ने भी हिम केयर के तहत मरीज का इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। चंडीगढ़ के हिम केयर के बिलों का भुगतान आखिर किसकी जिम्मेदारी है। राहुल गांधी के अखबार को अपना अखबार कहकर मनमाना विज्ञापन देने का दंभ दिखाने वाले मुख्यमंत्री बताएं कि क्या पीजीआई में इलाज करवा रहे हिमाचल के लोग उनके अपने नहीं है? क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती है कि समय से वह हिम केयर के पीजीआई के बिलों का भुगतान करे।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खु सरकार जन सरोकारों से दूर संवेदनहीन सरकार है। झूठी गारंटियों के दम पर सत्ता में आई सुक्खू सरकार ने प्रदेश के हर शहर में नया दौर के पोस्टर लगवा कर कहा था कि प्रदेश के लोगों को असुविधा नहीं होने दी जाएगी। जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। प्रदेश और प्रदेशवासियों का हित सर्वोपरि होगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के संसाधनों पर खुली लूट का एक मामला पावर कारपोरेशन में देखने को मिला है। जिसकी वजह से पावर कारपोरेशन के महाप्रबंधक और चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मृत्यु भी हुई है। सैकड़ो करोड़ का घोटाला सिर्फ पेखुवेला में सामने आ रहा है। इसी के साथ शौंग टोंग में भी तमाम तरीके की अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। इसके बाद भी सरकार उन आरोपों की जांच करने से कतरा रही है। मुख्यमंत्री विमल नेगी के भाई, पत्नी और मां से किए अपने वादे को भूल गए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा तय की गई समय सीमा के बाद भी विमल लगी के परिजनों को इंसाफ नहीं मिला है। इसलिए न्याय का तकाज़ा यही है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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