Madhya Pradesh

मप्रः सर्कुलर एकानॉमी को बढ़ावा देने के लिये इलेक्ट्रॉनिक एवं इलेक्ट्रिकल वेस्ट के प्रबंधन पर हुई वर्कशॉप

भोपाल, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश में सर्कुलर एकानॉमी को बढ़ावा देने के लिये शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कार्यशाला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर द्वारा मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से आयोजित की गयी। कार्यशाला में केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट और इसके वेस्ट के व्यवसाय से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स की उपस्थिति में गहन विचार-विमर्श किया गया। राज्य में किस तरह से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के अनुपयोगी होने पर इनके पुन: उपयोग, नवीनीकरण, पुन: निर्माण और पुनर्च्रकीकरण संबंधी यूनिट की राज्य में स्थापना करायी जा सके एवं पृथक से विशेष नीति एवं प्रोत्साहन योजना बनाकर विशेष सहायता प्रदाय की जा सके।

कार्यशाला में ई-कचरा प्रबंधन पर आने वाली चुनौतियों पर भी ध्यान केन्द्रित करने के उद्देश्य से गहन चर्चा की गयी। इसमें 125 प्रतिभागियों द्वारा भागीदारी की गयी। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव पर्यावरण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सर्कुलर इकोनॉमी चक्रीय अर्थ-व्यवस्था को प्रदेश में लागू किया जाना है। इसके अंतर्गत विभिन्न अपशिष्ट, परिसंकटमय अपशिष्ट, जीव चिकित्सा अपशिष्ट और इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट को लेकर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में मुख्य रूप से ई-अपशिष्ट का समुचित रूप से प्रबंधन करने और रिसायकिल रियूज कर उसकी मात्रा में कमी लाना मुख्य उद्देश्य है। कार्यशाला में आये प्रतिभागियों ने रेगुलेटर निर्माता, रिसायकलर्स, वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि और स्थानीय शासन के अधिकारियों द्वारा अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये प्रस्तुतिकरण दिये।

कार्यशाला में प्रदेश के स्वच्छतम शहर इंदौर में अपनायी गयी स्वच्छता प्रक्रिया को प्रदेश के अन्य शहरों में भी विकसित करने पर चर्चा की गयी। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के श्री अमित वशिष्ठ ने भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट को लेकर तैयार अवधारणा नीति को विस्तार से बताया। इसके साथ ही केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संचालक डॉ. आनंद कुमार द्वारा ई-अपशिष्ट के निपटान में लागू की गयी ईपीआर व्यवस्था एवं उल्लंखनकर्ताओं पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने संबंधी पोर्टल का प्रस्तुतिकरण किया गया। उन्होंने हाल ही में लागू किये गये इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2022 में ईपीआर व्यवस्था तथा ईपीआर पोर्टल पर की जाने वाली कार्रवाई से संबंधित जानकारी दी।

कार्यक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक मुंबई के उप महाप्रबंधक, एसबीआई बैंक के प्रबंधक, सस्टेनेबिलिटी ऑर्गेनाइजेशन हैदराबाद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मसूद मलिक, सस्टेनेबल इलेक्ट्रॉनिक रिसाइकिलिंग इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट के सीनियर एडवाइजर संदीप चटर्जी द्वारा ई-अपशिष्ट के निपटान और रिफर्बिशिंग के संबंध में कठोर मानक निर्धारण करने पर जोर दिया गया। इसका समय-समय पर प्रमाणीकरण कराये जाने का उल्लेख किया गया। इससे मॉर्केट में जो भी रिफर्बिश्ड उत्पाद आयें, वह उच्च गुणवत्ता के हों।

मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष गुलशन बामरा ने कहा कि आगे भी इस प्रकार के आयोजन होते रहने तथा ई-वेस्ट प्रबंधन के लिये साथ में मिलकर कार्य करने पर जोर दिया। कार्यशाला में सदस्य सचिव ए.ए. मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एस.एन. द्विवेदी, प्रो. मनोज गोयल, प्रो. आशुतोष मण्डपे, भारतीय प्रौद्योगिकी संचार इंदौर और विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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