Madhya Pradesh

एम.पी. ट्रांसको की पहली क्वाडमूस ट्रांसमिशन लाइन हुई आकाशीय बिजली से सुरक्षित

एम.पी. ट्रांसको की पहली क्वाडमूस ट्रांसमिशन लाइन हुई आकाशीय बिजली से सुरक्षित: तीव्र डेटा ट्रांसफर का मार्ग      प्रशस्त

जबलपुर, 1 मई (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने प्रदेश की प्रमुख संत सिंगाजी थर्मल पावर हाउस खंडवा-पीथमपुर 400 के.व्‍ही. डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन में लंबे समय से लंबित ऑप्टिकल फाइबर ग्राउंड वायर स्थापित करने का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। इस कार्य को खरगोन जिला प्रशासन के सक्रिय सहयोग से संपन्न किया गया।

इस तकनीकी उपलब्धि से न केवल ट्रांसमिशन लाइन को आकाशीय बिजली से सुरक्षा मिली है, बल्कि इससे उच्च गति के डेटा ट्रांसफर का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। एम.पी. ट्रांसको की अधीक्षण अभियंता नीलम खन्ना ने बताया कि यह कार्य खरगोन जिले की सनावद तहसील के ग्राम सताजाना और कालबरड़ क्षेत्र से गुजरने वाले लगभग 4 किलोमीटर के हिस्से में गंभीर राइट ऑफ वे समस्याओं के चलते पिछले पांच वर्षों से लंबित था।

इस जटिल कार्य को संपन्न करने के लिए ट्रांसको अधिकारियों ने लगातार जिला और पुलिस प्रशासन से संपर्क बनाए रखा। प्रशासन की ओर से तहसीलदार श्री मुकेश माचार, नायब तहसीलदार श्री प्रवीण सिंह चंदर तथा स्थानीय पुलिस बल की उपस्थिति में यह कार्य पूर्ण हुआ।

एम पी ट्रांसको की पहली क्वाडमूस लाइन:-

एम.पी. ट्रांसको की यह पहली क्वाडमूस कंडक्टर से निर्मित 140 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन है, जिसमें ओ.पी.जी.डब्ल्यू. स्थापना के पश्चात तेज डेटा संचार एवं ट्रांसमिशन प्रणाली के नए आयाम जुड़ गए हैं। इससे स्काडा प्रणाली, सब-स्टेशनों के रिमोट ऑपरेशन, ट्रांसमिशन प्रोटेक्शन और मॉनिटरिंग डेटा अब जी.एस.एम. की बजाय तीव्र और विश्वसनीय फाइबर ऑप्टिक माध्यम से संचरित होंगे। साथ ही, इस लाइन में उपलब्ध डार्क फाइबर को संचार कंपनियों को लीज पर भी उपलब्ध कराया जा सकेगा।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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