Madhya Pradesh

मप्रः मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स का पुनर्गठन

भोपाल, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्य शासन द्वारा मध्य प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है। गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अध्यक्षता में कार्यकारी समिति भी गठित की गई है। इसमें मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वन और अपर आयुक्त जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है। डॉ. मिलिंद दांडेकर (विधि विशेषज्ञ), डॉ. शरद लेले (विषय विशेषज्ञ), मिलिंद थत्ते (विषय विशेषज्ञ), भगत सिंह नेताम पूर्व विधायक, राम डांगोरे पूर्व विधायक, डॉ. रूपनारायण मांडवे और कालू सिंह मुजाल्दा जनजातीय मंत्रणा परिषद मध्य प्रदेश को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग समिति के पदेन सदस्य सचिव होंगे।

जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी ने बुधवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार वर्ष में दो बार शीर्ष समिति की बैठक होगी और कार्यकारी समिति की बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई जा सकेगी।

समिति के प्रमुख दायित्व

उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स समिति राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों की संभावित क्षेत्रों के मेपिंग की जिलेवार सूची तैयार करना एवं अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिये संस्तुति प्रदान करना। वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करना। राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन के संबंधित विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों के लिये डीएलसी और पेसा संबंधी विषयों के लिये जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्ययोजना के लिये अनुसंशाएं प्रदान करना। प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद कार्य-योजना एवं समय-सीमा के अनुसार बिन्दुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना। राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये अन्य उपाय या अनुसंशाएं प्रस्तुत करना। टास्क फोर्स का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा, जो अपनी प्रथम अनुसंशाओं का प्रतिवेदन 3 माह की अवधि या इसके पूर्व प्रस्तुत करेगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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