Madhya Pradesh

मप्रः मंत्री राकेश सिंह की पहल पर शुक्रवार को संभागों में एक साथ होंगे अभियंता प्रशिक्षण कार्यक्रम

राकेश सिंह (फाइल फोटो)

भोपाल, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देशन में लोक निर्माण विभाग की राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार, 17 जनवरी को किया जाएगा। कार्यशाला सड़क, भवन और पुल निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण और परियोजना प्रबंधन के विषय पर केंद्रित होगी। इस कार्यशाला में विभाग में किये जा रहे सकारात्मक बदलावों, आधुनिक तकनीकों,बेहतर कार्य प्रणालियों और निविदा शर्तों में प्रस्तावित बदलावों से अभियंताओं को अवगत कराया जायेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के सभी संभागों में एक साथ आयोजित किया जाएगा, इनमें प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता उपस्थित होकर अभियंताओं को प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण में अधीक्षण यंत्री से लेकर उपयंत्री स्तर तक के लगभग 1200 इंजीनियर शामिल होंगे।

मंत्री राकेश सिंह ने विभागीय अभियंताओं को नियमित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि अभियंताओं के लिये नवीनतम तकनीकों से अद्यतन रहना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “लोक निर्माण से लोक कल्याण” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गुणवत्ता और नवाचार पर फोकस करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य अभियंताओं को नवीनतम निर्माण तकनीकों, बेहतर कार्य प्रणालियों और गुणवत्ता नियंत्रण उपायों से परिचित कराना है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला न केवल निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधारने में सहायक होगी, बल्कि संसाधनों के कुशल प्रबंधन और आधुनिक प्रक्रियाओं को अपनाने की दिशा में एक सार्थक शुरुआत साबित होगी।

कार्यशाला में तेलंगाना, गुजरात और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अध्ययन दौरों के अनुभव साझा किए जाएंगे। इन दौरों में विभागीय समूहों ने उन्नत निर्माण प्रक्रियाओं का गहराई से अध्ययन किया है। राकेश सिंह ने कहा कि इन अनुभवों से मध्य प्रदेश के निर्माण कार्यों में सुधार होगा और आधुनिक पद्धतियों को अपनाने में सहायता मिलेगी। मंत्री सिंह ने कहा कि अभियंता प्रदेश के विकास की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि अभियंताओं की मेहनत और कौशल से प्रदेश में बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होता है।

मंत्री सिंह ने बताया कि हम प्रदेश के निर्माण कार्यों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षणों के माध्यम से आधुनिक और पारंपरिक तकनीकों का संतुलन बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य अभियंताओं में जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है। उन्होंने कहा कि जब अभियंता अपनी जिम्मेदारी को गहराई से समझेंगे और आधुनिक तकनीकों को अपनाएंगे, तो प्रदेश के विकास को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा सकेगा।

कार्यशाला में प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता उनको आवंटित संभागों में जाकर अभियंताओं को नई तकनीकों और प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण देंगे। कार्यशाला में निर्माण प्रक्रियाओं को मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी विवरण, बेहतर सामग्री चयन और उन्नत उपकरणों के उपयोग पर विशेष जोर दिया जाएगा।

कार्यशाला से अपेक्षित परिणाम

विभागीय प्रक्रियाओं में आधुनिक तकनीकों को लागू किया जाएगा, इससे प्रशिक्षित अभियंता निर्माण कार्यों को अधिक मजबूत, टिकाऊ बनाने में सक्षम होंगे। इससे संसाधनों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित होगा। प्रदेश के निर्माण कार्य अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किये जा सकेंगे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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