


सागर, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के सागर जिले में मेनपानी गांव की पहाड़ी पर इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) द्वारा 50 करोड़ की लागत से भव्य श्री राधा-कृष्ण मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन प्रवास के दौरान वीडियो काफ्रेंस के माध्यम से सागर में निर्मित होने वाले इस्कॉन मंदिर का भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि आज सागर की सुंदरता द्विगुणित हो रही है। आज यहाँ पर इस्कॉन मन्दिर का भूमिपूजन हो रहा है। तीन एकड़ में बन रहे इस मंदिर परिसर में राधा कृष्ण जी का एक सुंदर मंदिर होगा, साथ ही आश्रम, गुरुकुल, गौशाला, वृद्धाश्रम, चिकित्सा क्लीनिक, एक ईको विलेज व वैदिक कला एवं विज्ञान महाविद्यालय का भी निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि वे इस आध्यात्मिक संस्था से जुड़े सभी धर्मावलम्बी भाईयों-बहनों को बहुत-बहुत शुभकामनायें देतें हैं। आप सबके प्रयासों से आज सागर की पुण्य धरा पर यह पवित्र कार्य संपन्न हो रहा है।
मुख्मंत्री डॉ यादव ने कहा कि अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी ने सम्पूर्ण विश्व को भक्तिमार्ग की सहजता से परिचित कराकर कृष्ण भक्ति में रमा देने के लक्ष्य से इस्कॉन की स्थापना की थी। इस्कॉन यानी इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस ने अपने नाम को चरितार्थ करते हुए भगवान श्री कृष्ण की चेतना को ग्लोबलाइज करने का काम बड़ी ही दक्षता से किया है। इस्कॉन के मंदिर न केवल भारत में बल्कि विश्व के कई देशों में आध्यात्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीमदभगवद्गीता समेत भगवान कृष्ण से जुड़े अनेकों साहित्य को घर-घर तक पहुंचाकर इस्कॉन संस्था ने वो पुनीत कार्य किया है, जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है। श्रीमद् भगवत गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की महान कला सिखाने वाला मार्गदर्शक ग्रंथ भी है। गीता हमें कर्म करने और फल की चिंता नहीं करना सिखाती है। निःस्वार्थ कर्म करना ही जीवन का सही मार्ग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साथियों, भगवान श्रीकृष्ण का मध्यप्रदेश से गहरा नाता रहा है। यहीं उन्होंने शिक्षा पाई, उन्हें उनके परम मित्र मिले, उनका विवाह भी इसी धरती पर हुआ और सर्व शक्तिमान बनाने वाला सुदर्शन चक्र भी श्री कृष्ण को मध्यप्रदेश की धरती पर ही प्राप्त हुआ था। मध्य प्रदेश में श्री कृष्ण पाथेय का निर्माण किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रदेश में विद्यमान भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सभी स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। हम मध्यप्रदेश में श्रीमद् भगवतगीता जी को पाठ्यक्रम में सम्मिलित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पूजा के माध्यम से प्रकृति की पूजा का विलक्ष्ण मार्ग बताया है। इसे ग्रहण करते हुए मध्य प्रदेश में सर्वत्र गोंवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। इस मंदिर रूपी गुरुकुल का निर्माण न केवल सागर, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि यह परिसर सर्व समाज के धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अभ्युत्थान का केंद्र बनेगा। इस अवसर पर उज्जैन एनआईसी कक्ष में विधायक अनिल जैन कालुहेडा, संभागायुक्त संजय गुप्ता, कलेक्टर रौशन कुमार सिंह, पुलिस अधिक्षक प्रदीप शर्मा, एडीएम प्रथम कौशिक, जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह समेत अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
सागर में इस्कॉन के अध्यक्ष कृष्णार्चनदास ने बताया कि तीन एकड़ क्षेत्र में बनने वाले मंदिर का मुख्य भवन सफेद मार्बल और राजस्थान के लाल पत्थरों से 20 हजार वर्गफीट में बनेगा। जयपुर से साढ़े तीन से चार फीट ऊंची राधा-कृष्ण की प्रतिमाएं लाई जाएंगी। मंदिर परिसर में 12 प्रकल्प विकसित किए जाएंगे, जिनमें वैदिक गुरुकुल, भक्ति वेदांत अस्पताल, गोशाला, आर्गेनिक खेती, वैदिक लाइब्रेरी, संत आश्रम, वृद्धाश्रम और गेस्ट हाउस शामिल हैं। मंदिर निर्माण के लिए भक्त विवेक यादव ने मेनपानी में अपनी तीन एकड़ जमीन दान की है। सागर में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल और खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) तोमर
