
– 60 बुलडोजर लेकर पहुंचा 600 कर्मियों का दल, वज्र वाहन, एंबुलेंस और अग्निशमन यंत्र तैनात
गुना, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के गुना जिले में चांचौड़ा-बीनागंज वन परिक्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा भू-माफिया के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां गुरुवार को वन, राजस्व और पुलिस विभाग के 600 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों का अमला 60 बुलडोजर लेकर खेड़ी कमलपुर और देदला क्षेत्र में पहुंचा और कार्रवाई करते हुए 41 कब्जेधारियों से 900 बीघा वनभूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया।
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेशभर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को गुना कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक संजीव सिन्हा और वन मंडलाधिकारी अक्षय राठौर के मार्गदर्शन में चांचौड़ा-बीनागंज वन परिक्षेत्र के खेड़ी कमलपुर व देदला में भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस दौरान चांचौड़ा एसडीएम रवि मालवीय, एसडीओपी दिव्या राजावत के नेतृत्व में रेंजर सौरभ द्विवेदी, थाना प्रभारी, तहसीलदार सहित वन, राजस्व और पुलिस अमला के अलावा वज्र वाहन, अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस अश्रुगैस गोला दल सहित 600 का अमला और 60 बुलडोजर से न केवल फसलों को नष्ट किया गया, बल्कि अतिक्रमण रोधी गड्ढे भी खोदे गए। बुलडोजर गुना व राघौगढ़ के अलावा राजगढ़ ब्यावरा, सुठालिया और मनोहरथाना राजस्थान से बुलवाना पड़े थे।
कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध किया, तो बांडओवर की कार्रवाई की गई। देदला गांव में तालाब के तीनों तरफ वनभूमि पर कब्जा किया गया था। बकायदा पत्थरों की बाउंड्री बनाकर खेत बनाए गए थे। वन अधिकारियों के मुताबिक वनभूमि के आसपास कुछ लोगों की निजी जमीन भी है, लेकिन भू-माफिया ने उनके खेतों में जाने वाले पानी को भी रोक दिया था। इससे विवाद की स्थिति भी बनती रही थी।
वन मंडलाधिकारी अक्षय राठौर ने बताया कि चांचौड़ा-बीनागंज वन परिक्षेत्र में यह 12वीं कार्रवाई है। इससे पहले पागड़ीघटा से 200 बीघा, बटावदा में 150 बीघा, चारणपुरा में 80 बीघा, सागोड़िया में 90 बीघा वनभूमि, चांचौड़ा में 15 बीघा बेशकीमती चौराहा की वनभूमि को मुक्त कराया गया है। उक्त अतिक्रमण वर्षों पुराने थे, जिनमें बेदखली की कार्रवाई हो चुकी है। उन्होंने बताया कि खेड़ी कमलपुर में फरवरी 2016 में जब वन विभाग का अमला पड़त वनभूमि पर अतिक्रमण की रोकथाम के लिए अतिक्रमण रोधक खंती खुदवा रहा था, तब कमलपुर गांव के मीना एवं कुलंबह गांव के गुर्जर समाज के लोग एकराय होकर लाठी, डंडा, फर्सा लेकर झगड़ा करने आ गए थे, तब कार्रवाई प्रभावित हुई और स्थगित कर दी गई थी।
(Udaipur Kiran) तोमर
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