
भोपाल, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्यसभा के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में विभागों के प्रमुख सचिवों की गैरमौजदूगी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह कितनी लापरवाही है कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही है, लेकिन किसी भी विभाग का प्रमुख सचिव मौजूद नहीं है। राज्य सरकार भी गंभीर नहीं है। सिर्फ दो मंत्री सदन में मौजूद हैं। इस पर मंत्री बोले कि सदन में जवाबदारी मंत्रियों की होती है। सभापति के भी जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाक आउट कर दिया।
विधानसभा में दूसरे दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। शून्यकाल के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने प्रदेश के स्कूलों में 70000 शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया। कहा कि सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। इस पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि विधायक अभिभाषण से हटकर वक्तव्य दे रहे हैं। सत्ता पक्ष के दूसरे सदस्य भी सारंग का समर्थन करने लगे। शोर शराबे की स्थिति बन गई। जवाब में कांग्रेस विधायक भी शोर-शराबा करने लगे। बाद में विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि जो आंकड़े उन्होंने पेश किए हैं, वह स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़े हैं। वे गलत जानकारी नहीं दे रहे हैं। उनके वक्तव्य के दौरान डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने भी टोका।
अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि 2020 के बाद से नगरीय निकायों में एक भी कुटीर नहीं आई। एक लाख की राशि नगरीय क्षेत्र में दी जाती है तो उतनी ही ग्राम पंचायतों में भी दी जाए ताकि आवास के लिए गांवों में भी ढाई लाख रुपये मिल सकें। उन्होंने कहा कि महाकाल मंदिर की जमीन पर उज्जैन विकास प्राधिकरण कॉलोनी काट रहा है। सिंहस्थ की जमीनों को लेकर किसकी निगाह है? कुछ लोग अपने अधिकारों के माध्यम से डील करने का प्रयास कर रहे हैं। सिंहस्थ का अलग महत्व है इसीलिए महाकाल भगवान की जमीन पर कोई अवैध निर्माण नहीं होना चाहिए। आज हमारा कर्ज चार लाख करोड़ हो गया है। ये हमारे बजट से ज्यादा है। सरकार को हर साल 50 हजार करोड़ ब्याज भरना पड़ता है। निर्माण कार्यों में पूंजीगत व्यय कर नहीं पा रहे हैं। ब्याज के रूप में जो पैसा फेंक रहे हैं, वो बचता तो निर्माण हो पाते। पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) नदी जोड़ो परियोजना में एमपी की ज्यादा जमीन डूब रही है जबकि पानी राजस्थान को ज्यादा मिलेगा। पानी के बंटवारे को लेकर स्पष्टता होनी चाहिए।
विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी क्षेत्र वालों को ढाई लाख रुपए मिलते हैं। गांव में आवास बनाने वालों को डेढ़ लाख रुपए ही मिलते हैं। सरकार को चाहिए कि गांव वालों को भी उतनी ही राशि दी जाए, जितनी राशि शहरी क्षेत्र में पीएम आवास बनाने वालों को दी जाती है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह कितनी लापरवाही की बात है कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही है, लेकिन किसी भी विभाग का प्रमुख सचिव मौजूद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। सिर्फ दो मंत्री सदन में मौजूद हैं। इस पर मंत्री बोले कि सदन में जवाबदारी मंत्रियों की होती है।
पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री आज सतना गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष को पत्र देकर गए हैं। इसलिए वे सदन में संसदीय कार्य मंत्री के दायित्व के नाते यह जवाब दे रहे हैं। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि अगर सदन में मंत्री मौजूद नहीं हो, मुख्यमंत्री मौजूद नहीं हो, विधायक मौजूद नहीं हो तो सवाल उठना लाजिमी है। अगर अधिकारी की उपस्थिति को लेकर सवाल उठाया जाए तो यह ठीक नहीं हैं। ऐसा करके हम संसदीय प्रणाली पर आरोप लगाते हैं।
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा कि क्या अधिकारी शासन के अंग नहीं है। उन्हें क्यों नहीं होना चाहिए। सभापति अजय बिश्नोई ने इस पर कहा कि सदन में पूरी जवाबदारी मंत्रियों की होती है और वे मौजूद हैं। सभापति के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस के विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया और सदन के बाहर जमकर नारेबाजी की।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सदन में चुनिंदा मंत्री बैठे। विभाग के प्रमुख सचिव एक भी नहीं। गवर्नर जब आए तो सब अफसर आ गए। हमारा सभापति से अनुरोध था कि जब राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है। पूरे प्रदेश के बारे में चर्चा की जा रही है, तो हर विभाग के प्रमुख सचिव स्तर के अफसरों को भी मौजूद रहना चाहिए।
कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में नाम काटे जा रहे हैं, लेकिन नए नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं। महिलाओं ने सरकार बना दी है तो सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि लाड़ली बहन योजना में नाम जोड़कर उन्हें लाभ दिया जाए। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में सरकार ने खूब वाह-वाही लूटी और करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन आदिवासी युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने मनरेगा योजना बंद होने का जिक्र करते हुए कहा कि गांव में लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने एससी-एसटी छात्रावासों के क्षतिग्रस्त होने का मामला भी उठाया।
कांग्रेस के वाक आउट पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जिस समय नेता प्रतिपक्ष ने प्रमुख सचिवों की गैर मौजूदगी पर सवाल उठाया। उस समय जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) के प्रमुख सचिव मौजूद थे। सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि अधिकारियों के साथ मंत्री, विधायकों को सदन में मौजूद रहना चाहिए। सारंग ने कहा कि विधायक अभिभाषण से हटकर वक्तव्य दे रहे हैं। सत्तापक्ष के दूसरे सदस्य भी सारंग का समर्थन करने लगे। शोर शराबे की स्थिति बन गई। जवाब में कांग्रेस विधायक भी हंगामा करने लगे।
इससे पहले वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 19206 करोड़ 79 लाख 529 रुपये के दूसरे अनुपूरक बजट को सदन के पटल पर रखा।
(Udaipur Kiran) तोमर
