भोपाल, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए अनुपूरक बजट पर चर्चा हुई। अनुपूरक बजट में विभिन्न कार्यों के लिए 1111 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया था। अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक देखने को मिली।
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विधायकों ने कर्ज के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा। साथ ही लगातार हो रहे अधिकारियों के तबादलों को लेकर भी सवाल उठाए। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के कुशल प्रबंधन में मध्य प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। विकास का क्रम जारी है। यह अनुपूरक बजट उसी का क्रम है। अनुपूरक बजट लाया ही इसलिए जाता है, ताकि विकास के कार्य निरंतर चलते रहें। विकास कार्य रुके नहीं।
अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि आजीविका मिशन में जो घोटाला हुआ, उसमें सारे सबूत सामने हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। हमीदिया अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारी पिछले तीन महीने से हड़ताल कर रहे हैं। उनके वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। हरियाणा, महाराष्ट्र में हेलिकॉप्टर उड़ कर जाता है और चुनाव प्रचार करता है। एक दिन में 9 से 10 लाख रुपया खर्च हो रहा है। मध्य प्रदेश की जनता ने चुना है या महाराष्ट्र की जनता ने।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बीते 10 माह में ही 438 तबादले किए जा चुके हैं। इससे प्रशासनिक अराजकता की स्थिति बन गई है। कोई अधिकारी सो ही नहीं पा रहा। रात 12:00 बजे उसका ट्रांसफर हो जाता है तो वह कैसे सोएगा? अधिकारी आता है, काम शुरू करता है…फाइल खोलता है और एक महीने में ही उसका ट्रांसफर हो जाता है। काम कैसे होगा? उन्होंने कहा कि बजट पर चर्चा हो, लेकिन बजट की कॉपी भी मिल जाए। ऐसी क्या स्थिति है कि सरकार को हर 15 दिन में कर्ज लेना पड़ रहा है। जनता पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ाया जा रहा है। सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि उनके पास कोई फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं है।
कटारे ने कहा कि रीजनल इन्वेस्टर समिट में कुल मिलाकर 4 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए। क्या एमओयू साइन होना कोई बहुत बड़ी बात है? ये गुजरात से भी साइन किए जा सकते हैं, आप लंदन क्यों गए? एमओयू साइन होने के बाद कुछ नहीं आया, उसका पर्व मनाया जा रहा है। कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार हर हफ्ते कर्ज ले रही है। लगभग 3 लाख 85 हजार करोड़ का कर्ज अब तक लिया जा चुका है। सरकार ने मध्यप्रदेश के प्रति व्यक्ति पर लगभग 55 हजार रुपये कर्ज का बोझ डाल दिया है। पृथ्वीपुर विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि अनुपूरक बजट की कोई आवश्यकता नहीं थी। सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है। सरकार को सोचना चाहिए कि इतना कर्ज लेंगे तो आने वाले समय में प्रदेश की जनता का क्या होगा?
भाजपा विधायक सीतासरन शर्मा ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंह-चंबल परियोजना से बुंदेलखंड, मालवा और ग्वालियर-चंबल संभाग को पानी मिलेगा। कांग्रेस के जमाने में उनकी कोई योजना नहीं थी। यह तो इस क्षेत्र के लोगों को भूल ही गए थे कि यहां भी कोई रहता है। यहां पीने के पानी या सिंचाई के लिए जरूरत है। इन्होंने कभी कुछ नहीं सोचा। उन्होंने कहा किसके जमाने में ग्वालियर-चंबल किसके के लिए प्रसिद्ध था, सबको मालूम है। इस पर जौरा विधायक पंकज उपाध्याय ने आपत्ति जताई और कहा कि यह हमारे चंबल का अपमान है। अध्यक्ष जी भी चंबल क्षेत्र से आते हैं। हंगामा होने लगा तो पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि बीच-बीच में न बोलें। कटारे जी को सबने सुना, सीतासरन जी वरिष्ठ सदस्य हैं।
कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री हमारे जबलपुर के हैं, लेकिन जब कामों की लिस्ट निकलती है तो सबसे ज्यादा काम सीहोर में निकलते हैं। संस्कारधानी के साथ अन्याय हो रहा है। कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने कहा कि मेरी विधानसभा में दो मिनी स्टेडियम बने थे। एक बनकर तैयार हो गया है, लेकिन इसका लोकार्पण इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि वह मेरी विधानसभा में है। संजीवनी क्लिनिक बहुत शानदार बनकर तैयार हो गए, लेकिन उनका लोकार्पण नहीं हो पा रहा, क्योंकि स्टाफ नहीं है और वह मेरी विधानसभा में शुरू होने हैं। एक साल में एक भी बार जिला योजना समिति की बैठक नहीं हुई। जबलपुर में राजनीति के पावर सेंटर दो ग्रुप में बंट गए हैं। अधिकारी भी कंफ्यूज हैं।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मैं हर बजट में यह बात उठाता रहा हूं, लेकिन किसी भी बजट में कभी भी अल्पसंख्यक संस्थाओं के लिए प्रावधान नहीं करते। आप हमें क्यों अछूत समझते हो। क्यों भेदभाव होता है। विकास के काम होने चाहिए। यहां कैलाश जी बैठे हैं। हमारा मास्टर प्लान बहुत टाइम से अटका हुआ है। मास्टर प्लान आ जाएगा तो शहर विकास करेगा।
कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को ने कहा कि मैं नाम नहीं लूंगा, लेकिन ये कहा गया कि अंबेडकर, अंबेडकर करते हो, इतना भगवान का नाम लिया होता तो कल्याण हो गया होता। इसके बाद जमकर पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस हुई। संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने हस्तक्षेप करते हुए कहा इस मामले पर जो कहा है उस पर चर्चा नहीं हो सकती। इसे रिकॉर्ड से निकाला जाए। मंत्री की बात सुनकर फुंदेलाल मार्को भड़क गए और कहा यदि रिकॉर्ड से निकाला जाएगा तो मैं इस सदन से बाहर चला जाऊंगा। इस बीच कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि मंत्री तुलसी सिलावट यहां बैठे हैं तो बाबा साहब अंबेडकर की वजह से बैठे हैं।
कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने आरोप लगाया कि एससी-एसटी के लिए बनाए गए नियम बदल दिए गए। आप बाबा साहब को पढ़िए, लेकिन आप पढ़ेंगे नहीं। बरैया ने कहा कि आप कहते हैं लाड़ली बहन, लेकिन यह भी देखो कि मध्य प्रदेश में बहनों, महिलाओं के साथ कितने बलात्कार हो रहे हैं। 90% पीड़ित महिलाएं अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की हैं। जब कांग्रेस थी तो बाबा साहब का अपमान नहीं होता था। आप आए तो बाबा साहब का अपमान भी होने लगा। पहले के सीएम डराते नहीं थे आज के सीएम तो दादागिरी करने लगे हैं। बरैया ने बजट को दलित आदिवासी और पिछड़ा विरोधी बताते हुए अपना भाषण खत्म करने के पहले शायरी पढ़ी- इतना ख्याल रखो सताने के साथ-साथ, हम भी बदल रहे हैं जमाने के साथ-साथ। बरैया के बयान के बाद संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सभापति महोदय उनके भाषण में से आप देख लीजिएगा, कौन से शब्द डिलीट करने योग्य हैं, उन्हें विलोपित करा दीजिए। इस पर बरैया ने कहा कि आप पूरा ही डिलीट कर दो।
(Udaipur Kiran) तोमर