कोलकाता, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में जारी हिंसा के कारण सोमवार को पश्चिम बंगाल के भूमि बंदरगाहों के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार लगातार दूसरे दिन भी निलंबित रहा, हालांकि सीमित संख्या में यात्रियों का आवागमन जारी है। रविवार से ही मालवाहक ट्रकों की आवाजाही बंद है, क्योंकि पेट्रापोल भूमि बंदरगाह का बांग्लादेशी हिस्सा सरकारी अवकाश के कारण काम नहीं कर रहा है, आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर। सोमवार को भी सारा दिन यही स्थिति रही है।
उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में स्थित पेट्रापोल, दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा भूमि बंदरगाह है और भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापार को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामान्य परिस्थितियों में यहां से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक पार होते हैं। व्यापार बंद होने के बावजूद यात्रियों की सीमित संख्या में आवाजाही जारी है। भूमि पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (पेट्रापोल) के प्रबंधक कमलेश सैनी ने कहा कि व्यापार अभी तक फिर से शुरू नहीं हुआ है। अब तक 700 से अधिक छात्र बांग्लादेश से पेट्रापोल पहुंचे हैं। अब तक 4,500 से अधिक भारतीय छात्र बांग्लादेश से अपने घर लौट चुके हैं, क्योंकि पड़ोसी देश में जारी हिंसक झड़पों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
सैनी ने बताया कि पेट्रापोल में आने वाले छात्रों की मदद के लिए एक हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है, जहां उन्हें बुनियादी आवश्यकताएं जैसे स्नैक्स और पानी प्रदान किया जा रहा है। बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर ने भी सीमा के साथ एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) पर विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं, ताकि बांग्लादेश में अशांति के बीच छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।
पश्चिम बंगाल के अन्य भूमि बंदरगाहों जैसे घोजाडांगा, फुलबाड़ी और महदीपुर के माध्यम से व्यापार भी निलंबित है, क्योंकि बांग्लादेशी कस्टम कार्यालय बंद हैं।भारतीय अधिकारी अपने समकक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं, ताकि माल पहुंचाने के बाद बांग्लादेशी हिस्से में फंसे ट्रकों और चालकों की वापसी की सुविधा हो सके। शनिवार को अंतिम व्यापारिक गतिविधि हुई थी जिसमें 110 ट्रक बांग्लादेश से भारत में प्रवेश किए और 48 ट्रक निर्यात के साथ पड़ोसी देश के लिए रवाना हुए। वर्तमान में लगभग 800 मालवाहक ट्रक पार्किंग में फंसे हुए हैं, जिन्हें सीमा पार करने की अनुमति मिलने का इंतजार है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर / सुनीत निगम