Chhattisgarh

मेघा पुल क्षतिग्रस्त होने से 100 से अधिक गांवों की आवाजाही हो रही प्रभावित

महानदी पुल समीप जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया गया जल संग्रहण एनीकट।

धमतरी, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मेघा पुल 21 सितंबर से क्षतिग्रस्त है। मेघा महानदी पुल से आवागमन पूर्णतया बंद कर दिया गया है। इससे क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। महानदी पुल समीप जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए जल संग्रहण एनीकट से दो पहिया वाहन एवं पैदल यात्रा हो रही है। इससे खतरा बना हुआ है। मेघा महानदी पुल टूटने से आवागमन बंद हो गया है। मेघा पुल क्षतिग्रस्त होने से 100 से अधिक गांवों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। सुगम वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग क्षेत्रवासियों ने की है।

क्षतिग्रस्त महानदी पुल के ऊपरी भाग पर नया पुल निर्माण की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। नदी में रेत मिट्टी की गहराई मापन कार्य नदी में बोर खनन कर औपचारिकता पूरी कर लिया गया है। नया पुल निर्माण प्रकरण एवं पूर्ण होने में कम से कम चार से पांच वर्ष का लंबा समय लगने की संभावना है। स्थाई वैकल्पिक मार्ग निर्माण कर सभी प्रकार की वाहनों की आवाजाही बहाल करने की अति आवश्यकता है। उक्त मार्ग से सुबह से देर रात्रि तक हजारों लोगों की आवाजाही होती है।

मगरलोड क्षेत्रवासियों को कुरुद सहित धमतरी, रायपुर, दुर्ग, भिलाई अन्य जगहों पर यात्रा करना महंगा हो गया है। मगरलोड से कुरुद जाने के लिए बड़ी करेली, खट्टी, नारी मार्ग से जाने पर चार गुना समय व रुपया खर्च हो रहा है। इसके अलावा बड़ीकरेली व नारी बस्ती के अंदर सड़क मार्ग जर्जर हो चुके हैं। एक किलोमीटर लंबा बिना सुरक्षा घेरे से बना एनीकेट, एनीकेट में जाने बोल्डर, पत्थर युक्त ऊबड़ खाबड़ कच्चा मार्ग से शाम के समय यात्रा करना जान पर खेलने के समान है।मगरलोड क्षेत्र के रहवासियों ने कहा जल्द बने पुल, हो रही परेशानी: महा व्यापारी संघ मगरलोड अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने कहा कि मेघा पुल टूट जाने से आवागमन बाधित हो गया है। मगरलोड में व्यवसायिक सामग्री रायपुर, धमतरी, कुरुद से मेघा पुल होकर आते थे, लेकिन पुल टूट जाने से करेली बड़ी, खट्टी, नारी होते हुए घूमकर आना जाना होता है, जिससे भाड़ा अधिक लगता है। समय में सामग्री नही आ पाता है, जिससे मगरलोड व्यापारी का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है।

नंदिनी साहू ने कहा कि मेघा पुल टूट जाने से क्षेत्र की जनता को काफी परेशानी हो रही है। गंतव्य की दूरी बढ़ गई है। इसका जन-जीवन पर व्यापक असर पड़ रहा है। जल्द से जल्द मार्ग को बनाना चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके। मेघा सरपंच शंकर साहू ने कहा कि शासन प्रशासन को वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए मांग पत्र दिया गया है। शासन-प्रशासन द्वारा जनता के परेशानी को दरकिनार कर वैकल्पिक मार्ग बनने रुचि नहीं ले रहा है। वैकल्पिक मार्ग जल्द बनाया जाए। एलआईसी अभिकर्ता लेखनारायण साहू ने कहा कि मेघा पुल टूट जाने से जिला मुख्यालय धमतरी, कुरुद जाने के लिए बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ता है। वैकल्पिक मार्ग एनीकट से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमे दुर्घटना घटने की आशंका बना रहती है। ग्राम मेघा निवासी आटो ड्राइवर बुटूराम साहू ने कहा कि मगरलोड, मेघा से यात्रियों को कुरुद एवं विद्यार्थियों को अपने आटो से ले जाकर अपने एवं अपने परिवार का जीवन-यापन करता था लेकिन मेघा पुल क्षतिग्रस्त होने से उनके व्यवसाय ठप हो गया है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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