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

धमतरी , 23 सितंबर (Udaipur Kiran) ।मेघा पुल के क्षतिग्रस्त होने से मगरलोड ब्लाक के 114 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। रातभर में पुल के ऊपर दरारें बढ़ गई है और अधिक धंसने लगा है। इस गंभीर स्थिति को देखकर दूसरे दिन क्षतिग्रस्त पुल से सभी प्रकार के वाहन के साथ अब बाइक और पैदल चलने वालों की आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। पुल के पास पुलिस जवान तैनात है। अधिकारियों की टीम पुल का निरीक्षण कर आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।
मेघा पुल के क्षतिग्रस्त होने से अब लोगों को ब्लाक तथा जिला मुख्यालय तक आने-जाने के लिए अब लंबी दूरी तय करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ गई है।विकासखंड मगरलोड के विद्यार्थी सैकड़ों की संख्या में केसीपी स्कूल कुरूद, केंद्रीय विद्यालय कुरूद, शासकीय गुरु घासीदास महाविद्यालय कुरूद, औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र कुरूद, समाधान स्कूल मंदरौद सहित कई स्कूलों में इस पुल को पार करके अध्ययन के लिए जाते हैं, लेकिन पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से इन विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अन्य रास्ते से लंबी दूरी तय करके विद्यार्थी पढ़ाई करने जा रहे हैं। विकासखंड मगरलोड के लोगों को जिला मुख्यालय धमतरी और कुरूद न्यायालय जाने के लिए दूसरे मार्ग से अधिक दूरी तय करना पड़ रहा है।
मेघा पुल में 22 सितंबर को शाम तक चारपहिया वाहन को आने-जाने से रोका गया था और दोपहिया वाहन को आने दिया जा रहा था, लेकिन 23 सितंबर की रात में पुल में दरारें और बढ़ गई, इससे नीचे की ओर धसना शुरू हो गया है। इसलिए बाइक, साइकिल समेत पैदल चलने वालों के लिए भी रास्ता बंद कर दिया है।मेघा पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद आवागमन पूरी तरह से बंद है। ऐसे में लोग अपने जरूरी कार्याें के लिए कुरूद व धमतरी आने-जाने के लिए दोपहिया, साइकिल व पैदल चलकर लोग मेघा पुल के थोड़ी ऊपर में सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए एनीकेट से जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। एनीकेट की चौड़ाई कम होने के कारण कभी भी दुर्घटना होने की आशंका है।
कुरूद एसडीएम दीनदयाल मंडावी से मेघा पुल के संबंध में जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन वीसी में होने से चर्चा नहीं कर पाए।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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