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जम्मू, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । मूवमेंट कल्कि द्वारा गौ माता को ‘राष्ट्र माता’ का दर्जा दिलाने और कठोर गौ रक्षा कानून बनाने की मांग को लेकर चल रहा ऐतिहासिक आंदोलन 117वें दिन भी जारी रहा। आज दिव्या समाज निर्माण समिति के ऑल इंडिया प्रधान स्वामी दिव्यानंद जी महाराज, विश्व हिंदू महासभा के स्टेट प्रेसिडेंट नरेंद्र सिंह और सिख समुदाय के एडवोकेट हरमीत सिंह अपने सहयोगियों के साथ इस आंदोलन को पूरा समर्थन देने पहुंचे।
स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि गौ माता की रक्षा के लिए यह आंदोलन 1966 से चल रहा है, जिसकी शुरुआत करपात्री जी महाराज ने की थी। उन्होंने बताया कि गौ माता की रक्षा के लिए अनेकों संतों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन सरकारों ने उनकी मांगों को अनदेखा किया। उन्होंने कहा कि गौ हत्या और गौ तस्करी आज भी बेरोकटोक जारी है, और भाजपा सरकार के आने के बाद यह समस्या और बढ़ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब गौ तस्कर सरकार से सब्सिडी और अनुमति प्राप्त कर खुलेआम गायों को ले जा रहे हैं, जिससे गौ माता का अस्तित्व संकट में पड़ गया है।
एडवोकेट हरमीत सिंह ने कहा कि सिख धर्म में गौ माता को विशेष स्थान प्राप्त है। उन्होंने बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब में गौ माता की महिमा का उल्लेख किया गया है और सिख समुदाय हमेशा से गौ रक्षा का समर्थन करता आया है।
विश्व हिंदू महासभा के स्टेट प्रेसिडेंट नरेंद्र सिंह ने कहा कि गौ माता केवल धार्मिक आस्था का विषय नहीं, बल्कि पर्यावरण और कृषि के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पहले गाय के गोबर से भूमि उपजाऊ होती थी, लेकिन आज रासायनिक खाद और यूरिया के अत्यधिक उपयोग से जमीन बंजर हो रही है और हमारी नई पीढ़ी कमजोर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि गौ माता की रक्षा करना हमारी संस्कृति, पर्यावरण और स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
मूवमेंट कल्कि के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्यों ने स्वामी दिव्यानंद जी महाराज, नरेंद्र सिंह और एडवोकेट हरमीत सिंह का समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक गौ माता को ‘राष्ट्र माता’ का दर्जा नहीं मिल जाता और कठोर गौ रक्षा कानून नहीं बन जाता।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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