Uttrakhand

अज्ञान के अंधकार को दूर करती है मां कुशमांडा

श्रीमद देवी भागवत की कथा सुनते श्रद्धालु।

नैनीताल, 8 मई (Udaipur Kiran) । श्रीराम सेवक सभा द्वारा आयोजित श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के चौथे दिवस व्यास देवेश शास्त्री ने माता कुशमांडा के दिव्य स्वरूप का वर्णन करते हुए बताया कि वे अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाली तथा समस्त ब्रह्मांड को अपने में समाहित करने वाली देवी हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन माता का ध्यान अपने भक्तों पर विशेष रूप से रहता है और उनके चरणों में प्रणाम करने से भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है।

व्यास ने कहा कि ‘कुशमांडा’ शब्द का तात्पर्य है-ऐसी देवी जो अपने भक्तों पर सदैव कृपा दृष्टि रखते हुए उनकी रक्षा करती हैं। माता कुशमांडा की उपासना से अज्ञान दूर होता है और भक्ति व समर्पण की भावना जागृत होती है। उन्होंने अश्वमेध यज्ञ के प्रसंग का भी उल्लेख किया और बताया कि देवी की उपासना आत्मज्ञान के मार्ग को प्रकाशित करती है। कार्यक्रम में यजमान विजय साह सपत्नीक सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर मनोज साह, जगदीश बावड़ी, अशोक साह, मुकेश जोशी, राजेंद्र लाल साह, देवेंद्र लाल साह, हीरा सिंह, कैलाश बोरा, मिथिलेश पांडे, आनंद बिष्ट, हरीश पंत, राजेंद्र बिष्ट, बिमल साह, बिमल चौधरी, भुवन बिष्ट, मुन्नी भट्ट, सभासद लता दफौटी, मोहित लाल साह, सुमन साह, भावना, वंदना पांडे, केदार सिंह राठौर, खुशहाल कार्की, मंजू कांडपाल, आनंद बिष्ट, हरीश राणा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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