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आत्महत्या को प्रेरित करने के दोषी मां बेटा को 7-7 वर्ष का कारावास

प्रतिकात्मक फोटो

फिरोजाबाद, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने बुधवार को आत्महत्या को प्रेरित करने के दोषी मां-बेटा को 7-7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थ दंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

मक्खनपुर निवासी शालिनी पत्नी संदीप की 14 मई 2016 को जलने के कारण मौत हो गई। वह 6 मई 2016 को जलकर घायल हुई थी। शालिनी के पिता सुंदर सिंह ने उसके पति संदीप उर्फ पप्पू पुत्र राजवीर तथा सास सरोज देवी निवासी किशनपुर हाल निवासी नई बस्ती मक्खनपुर सहित कई लोगो के खिलाफ दहेज की खातिर जलाकर हत्या करने का थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

पुलिस ने विवेचना के बाद संदीप तथा उसकी मां सरोज देवी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।

मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक सुनील कुमार सिंह द्वितीय की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पेरवी कर रहे एडीजीसी शीलेंद्र प्रताप चौहान ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए।

गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने संदीप तथा उसकी मां सरोज देवी को आत्म हत्या को प्रेरित करने का दोषी माना। न्यायालय ने दोनों को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 16-16 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़ / शरद चंद्र बाजपेयी / राजेश

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