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मकान का आधे से ज्यादा हिस्सा गिरा: मलबे में दबने से मां और बेटे की मौत

मकान का आधे से ज्यादा हिस्सा गिरा

जयपुर, 28 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जयपुर ग्रामीण जिले के सांभर लेक थाना इलाके में शुक्रवार सुबह एक मकान ढह गया। जहां मलबे में दबने से घर के अंदर सो रहे मां और बेटे की मौत हो गई। वहीं बड़ा बेटा और भांजा गंभीर घायल हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों की मदद से घायल बेटे-भांजे को सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया है। पुलिस प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया कि पुरानी दरार के कारण मकान ढहा है। फिलहाल मामले की जांच पड़ताल चल रही है।

थानाधिकारी राजेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि हादसा सांभर लेक के रिंनगी गांव में मेवाराम गुर्जर के घर हुआ है। जहां मेवाराम अपनी पत्नी हंसा देवी (35), बेटे दिलसुख (12) व लोकेश (7) और 65 वर्षीय मां के साथ रहता है। जानकारी में सामने आया है कि शुक्रवार सुबह मेवाराम परिवार को घर में सोता छोड़कर काम करने के लिए खेत पर चला गया। इस दौरान सुबह साढ़े चार बजे अचानक मकान का आधे से ज्यादा हिस्सा गिर गया। मकान के एक हिस्से के गिरने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग बाहर आ गए। मौके पर इकट्ठा हुए लोगों ने परिवार के सदस्यों को निकालने की कोशिश करते हुए पुलिस को सूचित किया। हादसे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। स्थानीय लोगों की मदद से मलबे में फंसे परिवार को बाहर निकालने का प्रयास किया गया। इसके बाद जेसीबी बुलाकर मलबे को हटाने का काम शुरू किया। पुलिस ने करीब आधे घंटे की मशक्कत कर मलबे में फंसे परिवार के सदस्यों को लहूलुहान हालत में बाहर निकाला। मलबे में पट्टियों के नीचे हंसा देवी और उसका छोटा बेटा लोकेश दबा मिलने पर तुरंत सांभरलेक हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दोनों मेवाराम की पत्नी-बेटे को मृत घोषित कर दिया। वहीं मलबे में पट्टियां गिरने से फंसे बड़े बेटे दिलसुख और कुछ दिन पहले मिलने आए दूदू निवासी भांजे नन्दराम को बाहर निकाल कर लहूलुहान हालत में स्थानीय हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर दोनों को एसएमएस हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। दूसरे कमरे में सो रही बुजुर्ग मां सुरक्षित है।

पुलिस प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि साल-2017 में मेवाराम ने 4-5 कमरों का मकान बनाया था। मकान बनाने के कुछ समय बाद ही दीवार में दरार आ गई थी। मकान की दीवारों पर सीमेंट पट्टी की छत डाल रखी थी। इसी पुरानी दरार के चलते दीवार टूटने से छत की पट्टी गिरी। सीमेंट पट्टी का वजन दूसरी दीवारों पर आकर गिरने से वह भी टूट गई। इसके चलते मकान का आधे से ज्यादा हिस्सा भरभरा कर ढह गया।

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(Udaipur Kiran)

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