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कठुआ 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जिला कठुआ के ब्लॉक बरनोटी के पंचायत बरवाल सहित अन्य कंडी क्षेत्रों में बंदरों का कहर जारी है। गांव वासी पिछले दो वर्षों से नहीं लगा पा रहे कोई भी फसल, क्योंकि बंदर उन फसलों को खराब कर रहे हैं। जिसकी वजह से कंडी क्षेत्र में ज्यादातर भूमि बंजर हो रही है।
जिला कठुआ की पंचायत बरवाल में बंदरों का कहर जारी है पिछले तीन वर्ष से गांव वासी अपने खेतों में किसी भी प्रकार की खेती नहीं कर रहे हैं। दरअसल बंदर उन खेतों में हुड़दंग मचा कर फसलों को खराब कर रहे हैं जिसकी वजह से स्थानीय लोगों ने अपने खेतों में खेती करना छोड़ दी है। जिस वजह से कंडी क्षेत्र में ज्यादातर जमीनें बंजर हो चुके हैं। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बंदरों के आंतक से उन्हें निजात दिलवाई जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे नहीं जानते कि बंदर कंडी क्षेत्र में कहां से आए, उनका कहना था कि आज से पांच वर्ष पहले कंडी क्षेत्र के ऊपरी हिस्से में मात्र चंद बंदर ही जंगलों में घूमते थे, लेकिन अब बंदर बस्तियों तक पहुंच चुके हैं जो रोजाना लोगों की छतों पर हुड़दंग मचाते हैं और भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। कंडी क्षेत्रों में बंदरों के कहर के कारण गांव वासी अब खेती करना भी छोड़ गए हैं, किसी भी प्रकार की खेती अब नहीं कर रहे हैं। गांव वासियों का कहना है कि अगर वे अनाज, फल या सब्जियां खेतों में उगाते हैं तो बंदर उन्हें तैयार होने से पहले ही उजाड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि अब बंदर सैकड़ों की तादाद में गांव की बस्ती में पहुंच चुके हैं जो छतों पर चढ़कर हुड़दंग मचाते हैं। जहां तक कि छत पर लगे डिश एंटीना, बिजली की तारें, पुरानी टीन की चादरों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह रहा तो आने वाले दिनों में गांव वासियों को गांव तक छोड़ना पड़ सकता है। अभी तो बंदर सिर्फ खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन कल को जानमाल का भी नुकसान हो सकता है। गांव वासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि संबंधित विभाग को निर्देश जारी कर इन बंदरों को गांव से खदेड़ा जाए ताकि वे अपनी जमीनों पर फिर से खेती कर सकें।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
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