नई दिल्ली, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के उस मामले में दो सह-आरोपितों की डिफॉल्ट जमानत खारिज कर दिया है, जिसमें दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी सह-आरोपित हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट अधूरी है, ऐसे में आरोपितों को डिफॉल्ट जमानत पाने का हक नहीं है।
हाई कोर्ट ने इस मामले के सह-आरोपितों वैभव जैन और अंकुश जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपित चाहें तो नियमित जमानत याचिका दायर कर सकते हैं।
इस मामले में सत्येंद्र जैन न्यायिक हिरासत में हैं। सत्येंद्र जैन ने हाल ही में राऊज एवेन्यू कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दायर की है। सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका पर राऊज एवेन्यू कोर्ट 05 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा जिन्हें आरोपित बनाया है उनमें उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपित बनाया गया है।
ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था। 27 जुलाई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपितों और चार कंपनियों को आरोपित बनाया था। ईडी ने चार्जशीट में जिन आरोपितों को आरोपित बनाया उनमें सत्येंद्र जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आईडियल नाम कंपनियों के नाम शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा