नई दिल्ली, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है, ऐसे में वे डिफॉल्ट जमानत के हकदार हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 09 अक्टूबर को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है जो अधूरे तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अधूरे तथ्यों के आधार पर संज्ञान लेना कानून सम्मत नहीं है। कोर्ट ने जैन के वकील को इस मामले में लिखित दलीलें दाखिल करने की अनुमति दे दी।
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया कि हाल ही में हाई कोर्ट ने इस मामले में दो सह-आरोपितों की डिफॉल्ट जमानत खारिज कर दिया था। ईडी ने कहा कि हाई कोर्ट ने ये माना कि आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट अधूरी है, ऐसे में आरोपितों को डिफॉल्ट जमानत पाने का हक नहीं है। ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट में अभी लंबित है।
जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा जिन्हें आरोपित बनाया है उनमें उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपित बनाया गया है।
ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था। 27 जुलाई 2022 को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपितों और चार कंपनियों को आरोपित बनाया था। ईडी ने चार्जशीट में जिन आरोपितों को आरोपित बनाया उनमें सत्येंद्र जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आईडियल नाम कंपनियों के नाम शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा