
जम्मू, 6 मई (Udaipur Kiran) । वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस व्रत के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि वैशाख मास अत्यंत पवित्र माना गया है। इस मास में मनुष्य को स्नान आदि करके शुद्ध रहना चाहिए और इंद्रियों को वश में कर काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या तथा द्वेष जैसे दोषों का त्याग कर भगवान का स्मरण करना चाहिए।
प्रत्येक वर्ष कुल 24 एकादशियाँ होती हैं, परंतु जब अधिकमास या मलमास आता है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इस वर्ष वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ 07 मई, बुधवार को प्रातः 10:20 बजे हो रहा है और इसका समापन 08 मई, गुरुवार को दोपहर 12:30 बजे होगा। चूंकि सूर्योदय व्यापिनी तिथि 08 मई को है, इसलिए मोहिनी एकादशी व्रत 08 मई, गुरुवार को रखा जाएगा। इस व्रत को करने वाला व्यक्ति अपने चित्त, इंद्रियों एवं व्यवहार पर संयम रखकर जीवन में संतुलन बनाए रखने की कला सीखता है। वह अर्थ और काम से ऊपर उठकर धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष प्राप्त करता है। यह व्रत व्यक्ति को बुद्धिमत्ता, लोकप्रियता और प्रभावशाली व्यक्तित्व प्रदान करता है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
