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नेपाल-चीन सीमा से सटे पिथौरागढ़ में हिंदुत्व का बोध करा गए मोहन भागवत, पंच परिवर्तन का दिया संदेश 

भवन लोकार्पण कार्यक्रम में बोलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (आरएसएस प्रमुख) डॉ. मोहन भागवत।
पौधारोपण करते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (आरएसएस प्रमुख) डॉ. मोहन भागवत।
भवन लोकार्पण कार्यक्रम में मंचासीन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (आरएसएस प्रमुख) डॉ. मोहन भागवत।
नागपुर प्रस्थान करने से पहले महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आवास पर भोजन करते आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत।

– सामाजिक समस्याओं और सुरक्षा के साथ विविधता में एकता के महत्व पर आरएसएस प्रमुख ने दिया जोर

देहरादून, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । धर्म-अध्यात्म, संस्कार और संस्कृति के साथ आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ते उत्तराखंड

की देवभूमि पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (आरएसएस प्रमुख) डॉ. मोहन भागवत मानवता के कल्याण के लिए पंच परिवर्तन स्वदेशी, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य व पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संदेश दे गए।

आरआरएस प्रमुख डाॅ भागवत नेपाल-चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में प्रवास पर थे। डाॅ भागवत मौजूदा वैश्विक हालातों में दुनिया को सही राह दिखाने के लिए सनातन धर्म के सिद्धांतों पर आधारित हिंदुत्व का बोध करा गए। आरएसएस प्रमुख 16 नवंबर को चार दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आए थे। आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने सामाजिक समस्याओं और सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ सबको साथ लेकर चलने और संतुलन की राह दिखाने के लिए विविधता में एकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्र अतीत में समृद्ध रहा है। समाज की ताकत से भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा। समाज ही है जो उद्देश्यपूर्ण जीवन जीना सिखाता है।

संघ कार्यों के और अधिक विस्तार दिए जाने पर मंथन

पहली बार पिथौरागढ़ पहुंचे डॉ. मोहन भागवत ने प्रचारक बैठक में विभिन्न सत्रों में संघ के शताब्दी वर्ष के दौरान संघ कार्यों के और अधिक विस्तार दिए जाने पर मंथन किया। संघ का लक्ष्य है कि शताब्दी वर्ष में स्वदेशी, सामाजिक समरसता सद्भाव, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, नागरिक कर्तव्य और कुटुब प्रबोधन विषयों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। डाॅ भागवत स्वयंसेवकाें काे प्रतिदिन सुबह प्रचारकों के साथ शाखा लगाने के महत्व का अहसास करा गए।

जाते-जाते स्वस्थ जीवन की राह दिखा गए भागवत

चार दिन प्रवास के बाद जाते-जाते आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने स्थानीय ऑर्गेनिक उत्पादों में भी अपनी गहरी रुचि दिखाई और अपने भोजन में स्थानीय श्रीअन्न को भी शामिल किया। कुल मिलाकर वे अच्छे खानपान से स्वस्थ जीवन की राह दिखा गए।

हिंदुत्व और मानवता की सेवा

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का मानना है कि हिंदुत्व मानवता की सेवा के साथ दुनिया का मार्गदर्शन करने की क्षमता रखता है। उनके अनुसार सनातन धर्म मानवता की भलाई का संदेश देता है और यह हिंदुत्व का अभिन्न हिस्सा है। उनका मानना है कि भारत को दुनिया के सामने एक ऐसी मार्गदर्शक शक्ति के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए जो शांति, सह-अस्तित्व और मानवता के सिद्धांतों को बढ़ावा दे सके।

महाराष्ट्र चुनाव के चलते भागवत ने 19 नवंबर का कार्यक्रम किया स्थगित

उत्तराखंड राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख संजय ने आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के सानिध्य में संघ की चार बैठकें हुईं। इसमें जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक, प्रांत प्रचारक व वरिष्ठ स्वयंसेवक शामिल हुए। भागवत का 19 नवंबर तक पिथौरागढ़ में प्रवास होना था, लेकिन महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हाेने के कारण 19 नवंबर का कार्यक्रम अपथा स्थगित दिया गया और वे नागपुर के लिए रवाना हो गए। वे 20 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

उल्लेखनीय है कि डॉ. भागवत ने गत 17 नवंबर को मुवानी में विद्या भारती की ओर से संचालित शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार विद्यालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया था। उन्हाेंने सुदूर ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में बच्चाें काे भारतीय परंपराओं की शिक्षा देने पर जाेर दिया था।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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