-आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने गरीबों और बुजुर्गों को किया बेफिक्र
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार के कॉरपोरेट मामलों और सड़क, परिवहन तथा राजमार्ग राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने आज यहां परिवहन भवन में एक प्रेस कान्फ्रेंस में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना, आधार और मोबाइल (जेएम) त्रिनिटी योजनाओं, डिजिटल लेनदेन और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) ने कैसे लोगों की जिंदगी में अभूतपूर्व और सम्मानजनक बदलाव किया है। मल्होत्रा ने कहा कि 2014 से मोदी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रही है और पिछले 10 वर्षों में 140 करोड़ नागरिकों के लिए 200 से अधिक योजनाएं लॉन्च की गई हैं।
मल्होत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रधानमंत्री जनधन योजना ने देश की एक बड़ी आबादी को बैंकिंग सिस्टम में शामिल करके उनके जीवन को सरल बनाया है। मौजूदा समय में 54 करोड़ से अधिक बैंक खाते हैं, जिनमें कुल जमा राशि लगभग 2.39 लाख करोड़ रुपये हैं। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण, अर्ध-शहरी इलाकों और महिलाओं में सफल रही है, जिसमें लगभग 66% खाते इन क्षेत्रों से आते हैं। इसके अलावा 37.02 करोड़ रूपे कार्ड उन खाता धारकों को जारी किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि जिस आधार-मोबाइल लिंकिंग की महत्वाकांक्षी योजना का विपक्ष ने मजाक उड़ाया था, वह अब प्रधानमंत्री जनधन योजना के साथ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम बन गया है। अब, केंद्र सरकार से जारी प्रत्येक रुपया बिना किसी बिचौलिए के सीधे संबंधित लाभार्थी तक पहुंचता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को और भी बढ़ावा मिला है।
उन्होंने बताया कि जेएएम त्रिनिटी ने इस प्रगति को विशेष रूप से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से संभव बनाया। इस प्रणाली ने न केवल यह सुनिश्चित किया कि सब्सिडी और लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे, बल्कि भ्रष्टाचार को भी घटाया और नकली लाभार्थियों को समाप्त किया। 14 अगस्त, 2024 तक जनधन के प्रत्येक बैंक खाते में औसत जमा 4352 रुपये है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। दिल्ली में अकेले 65 लाख पीएम जनधन खाते हैं, जिनमें 3114 करोड़ की कुल जमा राशि है और 50 लाख रूपे कार्ड लाभार्थी हैं। पीएम उज्ज्वला योजना से 2,59,000 महिलाएं लाभान्वित हुईं हैं।
मंत्री ने बताया कि पीएमजीडीवाई ने न केवल करोड़ों भारतीयों के लिए वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है, बल्कि भारत को डिजिटल वित्तीय समावेशन में वैश्विक नेता के रूप में उभारा है। लगभग 10 करोड़ नकली लाभार्थियों को सिस्टम से बाहर किया गया है, जिससे 2.75 लाख करोड़ रुपये का गलत हाथों में जाने से बचाव हुआ है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई लेनदेन 200 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो 2017-18 की तुलना में 138% अधिक है।
उन्होंने बताया कि भारत ने कोविड वैक्सीन का विकास करने में पांचवां स्थान प्राप्त किया और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाया। इस टीकाकरण कार्यक्रम में 221 करोड़ डोज़ लोगों को दी गईं।
राज्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को 23 सितंबर, 2028 को लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार को 5 लाख प्रति वर्ष स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। वर्तमान में यह योजना देशभर के 33 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में लागू है। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के परिवार और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी अब इसके दायरे में शामिल कर दिया गया है। प. बंगाल और दिल्ली में यह योजना वहां की सरकारों की हठधर्मिता के कारण नहीं लागू हो पाई जबकि ओडिशा की मौजूदा राज्य सरकार इसे लागू कर रही है।
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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव