
चित्रकूट, 01 मई (Udaipur Kiran) | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने दलितों, पिछड़ों को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए जातिगत जनगणना कराने का निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया है, जिसका देश के दलित, पिछड़े समाज तहेदिल से स्वागत करते हैं। आजादी के बाद से कांग्रेस की सरकार ने इस वर्ग के लोगों के साथ धोखा किया था। यह बातें गुरूवार काे बांदा चित्रकूट के पूर्व सांसद आर के सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री माेदी के जातीय
जनगणना कराए जाने के फैसले काे लेकर कही।
पूर्व सांसद ने कहा कि जातिगत जनगणना सत्ता में रहकर कांग्रेस ने नहीं कराई। मंडल कमीशन की रिपोर्ट को कांग्रेस सरकार रद्दी की टोकरी में डाल रखा, पिछड़ों को आरक्षण नहीं दिया। जब भाजपा के समर्थन से जनता दल सरकार बनी तब 1990 में पिछड़ों को आरक्षण मिला। जिसका विरोध भी कांग्रेस ने किया था। सामाजिक न्याय को लागू करने का समय आ गया है। यह दशक समाज के दबे, कुचले, दलित, पिछड़ों की गणना करके उनको अवसर देकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की ओर एक अच्छा कदम है।
आर के सिंह पटेल ने मोदी सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि देश के 80 फीसदी वंचित, शोषित, दलित, पिछड़ा समाज कर रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बाबा साहब आंबेडकर के सपनों को साकार कर रही है। इस निर्णय से सपा, कांग्रेस सहित कई दलों के पीडीए के गुब्बारे की हवा निकल गई है। क्योंकि यह गुब्बारा मात्र दिखावा था, जब उनकी सरकार रही है तो कभी भी इन्होंने जातिगत जनगणना के आंकड़े नहीं दिए।
सपा ने उत्तर प्रदेश में पिछड़ों के आरक्षण को एक जाति के लोगों को देखकर अन्य पिछड़ी जाति के युवाओं के साथ अन्याय किया था। यहां तक लोक सेवा आयोग तक के परिणामों में पिछड़ों के आरक्षण को एक जाति विशेष तक ही सीमित कर दिया गया था। अब भाजपा की सरकार में अन्य पिछड़े वर्ग के सभी जातियों के अभ्यर्थिओं को योग्यता के अनुसार आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। दलितों के प्रमोशन में आरक्षण के विधयक को लोकसभा में वर्ष 2013 में नाटकीय ढंग से सपा ने अपने दलित सांसद से छिनवा कर लोकसभा के सदन में फाड़ने का कार्य किया था। आज पीडीए का नारा देकर दलितों, पिछड़ों को गुमराह किया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / रतन पटेल
