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मोदी सरकार ने जमीनी स्तर के नवोन्मेषकों को बढ़ावा और मान्यता दीः डॉ. जितेंद्र सिंह

एनआईएफ के रजत जयंती समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली, 2 मार्च (Udaipur Kiran) । केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि मोदी सरकार भारत में पहली बार जमीनी स्तर के नवोन्मेषकों को बढ़ावा दे रही है और उन्हें मान्यता भी दे रही है।

केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह यहां केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान (एनआईएफ) के रजत जयंती समारोह को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘विरासत भी और विकास भी’ के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया। इसमें भारत के विशिष्ट पारंपरिक ज्ञान को अत्याधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत किया गया है। इस माैके पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक डाक टिकट भी जारी किया। इसके बाद ‘इनोवेशन फ्रंटलाइन’ नामक एक पत्रिका और एक कॉफी टेबल बुक भी जारी की।

इस माैके पर भारत की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि दूरदराज के गांवों में होने वाले नवाचारों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे शहरी क्षेत्रों की तरह समान अवसर और संसाधन सुनिश्चित होंगे। उन्होंने भारत के ‘नाज़ुक पांच’ से ‘पहले पांच’ में तब्दील होने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसके जल्द ही चौथे स्थान पर पहुंचने की सराहना की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों सहित कम खोजे गए क्षेत्रों का दोहन करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया, जिन्हें पिछली सरकारों के दौरान उपेक्षित किया गया था।

सिडबी के साथ एनआईएफ द्वारा एक अग्रणी पहल, जिसने 238 नवाचार-आधारित उद्यम परियोजनाओं को आवश्यक जोखिम पूंजी प्रदान की है, इसे एक नई पहल बताते हुए उन्होंने इस मिथक को खारिज कर दिया कि केवल शानदार डिग्री वाले कुलीन वैज्ञानिक ही नवाचार और स्टार्टअप को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने सीएसआईआर-आईआईआईएम जम्मू द्वारा समर्थित लैवेंडर क्रांति और सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर द्वारा संचालित फ्लोरीकल्चर क्रांति की सफलता का हवाला दिया। डॉ. सिंह ने दोहराया कि भारत की तकनीक स्वाभाविक रूप से सस्ती और लागत प्रभावी है, जो इसे वैश्विक रूप से आकर्षक बनाती है। एनआईएफ की 25 साल की यात्रा का जश्न मनाते हुए उन्होंने घोषणा की कि भारत में 713 पेटेंट और अमेरिका में 5 पेटेंट दिए गए हैं, जो जमीनी स्तर पर नवाचारों को बढ़ावा देने में एनआईएफ की भूमिका को रेखांकित करता है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एनआईएफ भारत में प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर (टीबीआई) की मेजबानी करने वाले शुरुआती संस्थानों में से एक था, जिसे अब एनआईएफ इनक्यूबेशन और उद्यमिता परिषद के रूप में जाना जाता है। 25 से अधिक जमीनी स्तर के स्टार्टअप और कई सौ उद्यम, जिनमें से कुछ का वार्षिक कारोबार ₹10 करोड़ से अधिक है, इसके समर्थन में फल-फूल रहे हैं, जिससे ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया है, जैसा कि हाल के बजट में घोषणा की गई है। डॉ. सिंह ने सभी नवप्रवर्तकों से 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने में योगदान देने का आह्वान किया।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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