
जम्मू, 5 मई (Udaipur Kiran) । भारत सरकार ने संविधान निर्माता और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की विरासत को सम्मान देने के लिए ‘पंचतीर्थ’ की स्थापना करके ऐतिहासिक पहल की है।
भाजपा प्रवक्ता और पूर्व उपाध्यक्ष बलबीर राम रतन ने इसे अपने पार्टी नेताओं के साथ साझा किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहल न केवल डॉ. अंबेडकर के जीवन और विचारों के लिए एक महान श्रद्धांजलि है बल्कि नई पीढ़ी को उनके संघर्षों और योगदान से जोड़ने का एक माध्यम भी है।
बलबीर राम रतन ने बताया कि ‘पंचतीर्थ’ का तात्पर्य डॉ. अंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों के विकास से है। इन पांच स्थलों में शामिल हैं
जन्म भूमि, महू (मध्य प्रदेश) – डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली।
शिक्षा भूमि (लंदन) – जहां उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की।
दीक्षा भूमि, नागपुर – जहां उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया।
महापरिनिर्वाण भूमि, दिल्ली – जहां उनका निधन हुआ।
चैत्य भूमि, मुंबई – जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बलबीर राम रतन ने कहा कि इन स्थलों को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और शैक्षिक केंद्रों के रूप में आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न अवसरों पर डॉ. अंबेडकर के योगदान को न केवल दलित समुदाय के नेता के रूप में बल्कि राष्ट्रीय उत्थान के प्रतीक के रूप में राष्ट्र के लिए प्रेरणा बताया है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
