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– मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद ने प्रदेश और निवेशकों के हित में दी सात नीतियों को मंजूरी
भोपाल, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले हुई इस बैठक में प्रदेश और निवेशकों के हित में सात नीतियों को मंजूरी दी गई। इनमें इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी, एमएसएमई, ईवी, स्टार्टअप, विमानन, नवीकरणीय ऊर्जा और अविकसित भूमि आवंटन नीति शामिल हैं। इनमें इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को मॉडल इलेक्ट्रिक सिटी के रूप में डेवलप किया जाएगा। यहां ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों के चलाने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए ई-व्हीकल में रजिस्ट्रेशन में 15 से लेकर 80 फीसदी तक की छूट दी जाएगी।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए बताया कि संबंधित निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रि-परिषद ने एकीकृत टाउनशिप नीति 2025” लागू किये जाने की स्वीकृति दी है। इससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा एवं रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य की जी.डी.पी. में वृद्धि होगी। एकीकृत टाउनशिप नीति लैंड पूलिंग के माध्यम से भूमि का विकास करने के उद्देश्य से बनायी गयी है। नीति के लागू होने से जहां एक ओर वृहद स्वरूप की टाउनशिप विकसित होगी, वहीं दूसरी ओर प्रचलित प्रक्रिया अनुसार भी कॉलोनियों का विकास यथावत होता रहेगा।
निर्णय अनुसार एकीकृत टाउनशिप को विकास के उन क्षेत्रों में लागू किया जाएगा जहां इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस नीति में पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 10 हेक्टेयर और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 20 से 40 हेक्टेयर होगी। डेवलपर को इस नीति में सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीयन कराना आवश्यक होगा। टाउनशिप प्रस्ताव अनुमोदन के लिए राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव एवं जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में साधिकार समिति गठित की जायेगी। टाउनशिप नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश होगी।
टाउनशिप नीति में राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण, बाह्य विकास कार्य, समय पर समस्त अनुमतियां प्रदाय कराना, टीडीआर का लाभ, कृषि भूमि की अधिकतम सीमा में छूट, स्टॉम्प ड्यूटी पर रियायत, कॉलोनी नियमों में छूट, विकास योजना में संशोधन के लिए प्रक्रिया में आसानी, ग्रीन एफएआर, ऊर्जा के गैर-परंपरागत उपयोग के लिए एफएआर, अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस/एलआईजी/ किफायती आवास इकाइयों के लिए एफएआर तथा अंगीकृत विकास योजना में प्रस्तावित भूमि उपयोग में अधिनियम 1973 की धारा-23 के अंतर्गत उपांतरण के लिए विभाग स्तर पर साधिकार समिति को अधिकृत किया गया है। नीति से प्रदेश में व्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में डेवलपर द्वारा कॉलोनियों का विकास छोटी-छोटी भूमियों पर किया जा रहा है, जिससे नगर स्तर की अधोसंरचनाएं विकसित नहीं हो पाती है। प्रचलित नियमों में कॉलोनियों के विकास के लिए नियमों में न्यूनतम क्षेत्र का बंधन नहीं है इसके परिणामस्वरूप विकास के लिए नगरीय भूमि की मांग और आपूर्ति में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है जिससे बुनियादी ढांचे और किफायती आवास के विकास में होने वाली देरी को रोकने के लिये एकीकृत टाउनशिप नीति लागू की जा रही है।
इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 की स्वीकृति
विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन को आमजन के लिए भविष्य का मुख्य परिवहन का साधन बनाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 की स्वीकृति दी गई है। नीति अंतर्गत दोपहिया वाहन, तीन पहिया वाहन, इलेक्ट्रिक कार और इलेक्ट्रिक बसों इत्यादि के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदाय किया जायेगा। मध्य प्रदेश ईवी प्रमोशन बोर्ड का गठन किया जायेगा।
नीति के उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन अधोसंरचना एवं सम्बंधित विनिर्माण उद्योगों के लिए मध्यप्रदेश को आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग अधोसंरचना का विकास, इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में कौशल विकास एवं रोजगार से सम्बंधित संभावनाओं को विकसित करने के साथ सरकारी संस्थाओं, निजी क्षेत्र, अनुसंधानकर्ता संस्थानों एवं सामाजिक संसथाओं के मध्य सहकारिता को प्रोत्साहित करना है।
नीति का लक्ष्य भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल शहर बनाना, इलेक्ट्रिक वाहन को बढावा दिए जाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन रोडमेप तैयार करना, इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण के लिए लक्ष्य का निर्धारण करना और पॉलिसी अवधि के अंत तक 80 प्रतिशत सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक करना है। वित्तीय प्रोत्साहन में वाहन कर एवं पंजीकरण शुल्क में छूट, रेट्रोफिटिंग के लिए प्रोत्साहन, छोटे, मध्यम तथा बड़े चार्जिंग स्टेशनों के बुनियादी ढांचे के लिए प्रोत्साहन और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के लिए सेवा प्रदाता को प्रोत्साहन दिया जायेगा। इस के अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में सभी पंजीकृत ईवी को भारत सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार ग्रीन नंबर प्लेट जारी की जाएगी। व्यक्तिगत उपयोग वाले ईवी को सफेद अक्षरों वाली हरी नंबर प्लेट, व्यावसायिक उपयोग वाले ईवी को पीले अक्षरों वाली हरी नंबर प्लेट जारी की जाएगी।
ग्रीन जोन, ई-मोबिलिटी जोन अंतर्गत ईवी मॉडल शहरों के भीतर पायलट क्षेत्रों की स्थापना विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए की जाएगी, जिसमें निर्दिष्ट पार्किंग क्षेत्र शामिल होंगे। पर्यटक गांव, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थान, प्रौद्योगिकी केंद्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र में ई-मोबिलिटी जोन बनाए जायेंगे।
चार्जिंग अधो-संरचना विकास के कार्यों के तहत राजमार्गों, प्रमुख सड़कों पर प्रत्येक 20 किलोमीटर पर कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जायेगा। राजमार्गों पर प्रत्येक 100 किलोमीटर पर लंबी दूरी, हेवी ड्यूटी इलेक्ट्रिक वाहन के लिए कम से कम एक फास्ट चार्जिंग स्टेशन (दोनों तरफ), के साथ चिह्नित ईवी मॉडल शहरों में प्रत्येक 1 कि.मी. x 1 कि.मी. ग्रिड में कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन और पॉलिसी अवधि के अंत तक सभी पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट विकसित किया जायेगा।
नीति में अनुसंधान एवं विकास, कौशल विकास और रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा। इसमें उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए एवं आवश्यक अनुसंधान और परीक्षण उपकरणों की खरीद के लिए अधिकतम राशि 2 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान किया जायेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के स्टार्ट-अप के लिए इन्क्यूबेशन केंद्रों की संख्या में वृद्धि की जायेगी। ईवी प्रकरणों से संबंधित सभी निर्णयों, दिशा-निर्देशों एवं आवश्यक समन्वय के लिए मध्य प्रदेश ईवी प्रमोशन बोर्ड का शीर्ष निकाय के रूप में गठन किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) तोमर
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