West Bengal

सरकारी कार्यों की प्रगति पर नज़र रखने के लिए मोबाइल ऐप, नवान्न ने बनाई आठ अधिकारियों की विशेष टीम

पश्चिम बंगाल सचिवालय नवान्न

कोलकाता, 26 दिसंबर (Udaipur Kiran) । विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार जनसंपर्क के लिए कमरकस कर तैयार हो चुकी है। विभिन्न सरकारी परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखने और इसमें तेजी लाने के लिए नई पहल की गई है। राज्य के वित्त विभाग ने आठ अधिकारियों की एक विशेष टीम का गठन किया है। इनका काम मोबाइल ऐप के जरिए मिलने वाली जानकारी की जांच करना और आगे की कार्रवाई की निगरानी करना होगा।

नवान्न ने पहले ही सरकारी परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की घोषणा की थी। अब इस ऐप के जरिए ब्लॉक, उपखंड और जिला स्तर से आने वाली जानकारी को सत्यापित करने और समस्याओं के समाधान के लिए यह टीम जिम्मेदार होगी।

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जियो-टैगिंग से होगी सटीक निगरानी

सरकार ने इस मोबाइल ऐप में ‘जियो-टैगिंग’ फीचर शामिल किया है, जिससे निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की सटीक स्थिति का पता लगाया जा सकेगा। अधिकारियों को अब अपने कार्यालयों में बैठकर रिपोर्ट देने का समय खत्म हो गया है। उन्हें फील्ड में जाकर काम की वास्तविक स्थिति की जानकारी देनी होगी।

सूत्रों का कहना है कि कई प्रशासनिक स्तरों पर लापरवाही और जानकारी की कमी के कारण परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाती हैं। इससे न केवल परियोजनाओं में देरी होती है, बल्कि सरकार की छवि पर भी असर पड़ता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

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सरकारी कामकाज को डिजिटल बनाने की पहल

अब सरकारी अधिकारियों को सड़क निर्माण, बिजली, सफाई और पेयजल जैसी बुनियादी सेवाओं के कामों की नियमित जानकारी देनी होगी। ऐप में हर विभाग के लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं, ताकि जानकारी व्यवस्थित ढंग से मिल सके। इन जानकारियों पर तत्काल कार्रवाई के लिए आठ अधिकारियों की इस टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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राजनीतिक प्रभाव और जवाबदेही

प्रशासन के अंदरूनी सूत्रों ने गुरुवार को बताया है कि तृणमूल कांग्रेस का एक वर्ग मानता है कि सरकारी अधिकारियों की धीमी कार्यशैली से लोगों तक सेवाएं समय पर नहीं पहुंच पातीं। इससे पार्टी की छवि प्रभावित हो रही है। इस नई पहल से प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी और सरकारी कामों में पारदर्शिता आएगी। सरकार का यह कदम न केवल प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि डिजिटल माध्यम से सरकारी कार्यों की निगरानी को भी आसान बनाएगा।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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