जयपुर, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । सवाईमाधपुर से विधायक डॉ किरोडी लाल मीणा बुधवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) कार्यालय पहुंचे और पेपर लीक मामले की जांच कर रहे एसओजी एडीजी वीके सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद विधायक ने तीन परीक्षाओं के पेपर लीक के सबूत दिए। इस दौरान कुशलगढ़ से कांग्रेस विधायक रमिला खड़िया भी एसओजी ऑफिस में मौजूद रही।
किरोड़ी ने एसओजी के पूर्व अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि अगर उन पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे सत्याग्रह करेंगे। पेपर लीक मामले में पूर्ववर्ती सरकार के कई नेता शामिल है। उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में किरोड़ी ने कहा कि उनके पास आरएएस, रीट और एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के सबूत हैं। इन सबूत से एसओजी को बड़े मगरमच्छों को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी। उदयराम और सुरेश ढाका (सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक का मास्टरमाइंड) को एसओजी इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल ने फरार करवा रखा है। वह एडिशनल डीजी को कहकर आए है, जिस दिन उदयराम और सुरेश ढाका पकड़े जाएंगे। पूर्ववर्ती सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा नेता पकड़ में आएंगे, जिन्होंने पेपर लीक करवाया है। उदयराम और सुरेश के पास कई जानकारी है, जिनकी गिरफ्तारी जल्द से जल्द करने के लिए कहा है। किरोड़ी ने कहा कि आरपीएससी चेयरमैन संजय श्रोत्रिय ने भी कई कबाड़े किए हैं। उसकी भी जानकारी एडीजी को दी गई है।
किरोड़ी ने कहा कि आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के पेपर लीक में शिवसिंह राठौड़ और मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्राइवेट लोगों के हाथों में देकर भ्रष्टाचार करने में आरपीएससी के वर्तमान अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका है। कॉन्स्टेबल भर्ती मामले में धांधली को लेकर कोर्ट ने मोहन पोसवाल से पूछा था कि उनको जानकारी कहां से मिली तो मोहन ने कहा कि मेरे मोबाइल पर वॉट्सऐप आया था। कोर्ट ने कहा कि क्या आपने अपना मोबाइल जब्त किया, तो पोसवाल ने मना कर दिया कि जब्त नहीं किया। कोर्ट ने पूछा कि सूचना किसने दी। पोसवाल ने कहा कि मुझे यह जानकारी उदयराम ने दी। किरोड़ी ने कहा कि एसओजी से उन अधिकारियों की गिरफ्तारी मांग की गई है, जिन लोगों ने राजस्थान के युवाओं के साथ खिलवाड़ किया। जिन नेताओं के फोन पर एसओजी के अधिकारियों ने काम किया, उनकी भी गिरफ्तारी होनी चाहिए। एसओजी ने कार्रवाई नहीं की तो मैं सत्याग्रह करूंगा।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जमकर नकल माफिया को पनपाया। एसओजी के अधिकारियों ने भी उनका साथ दिया है। एसओजी के उन अधिकारियों का नाम भी एडीजी एसओजी को देकर आया हूं। क्योंकि उनके इशारे पर ही पेपर लीक का यह खेल नहीं खुला, जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग उस दौरान सड़क पर उतरे थे।
(Udaipur Kiran) सैनी