Jammu & Kashmir

अखनूर को जिला बनाने की मांग, विधायक का विधानसभा से मार्शल आउट

अखनूर को जिला बनाने की मांग, विधायक का विधानसभा से मार्शल आउट

जम्मू, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । अखनूर के विधायक मोहन लाल को मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा से मार्शल आउट किया गया, जब उन्होंने अखनूर को जिला दर्जा देने और रक्षा बलों द्वारा अधिग्रहित किसानों की भूमि के लंबित मुआवजे की पुरजोर मांग उठाई। सत्र के दौरान, राजस्व मंत्री ने मोहन लाल के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि अखनूर को जिला बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस पर विधायक मोहन लाल ने पूरक प्रश्न उठाते हुए तर्क दिया कि अखनूर में तीन सब-डिवीजन, सात तहसीलें, तीन नगरपालिकाएं और 14 नायबात हैं, और इसका क्षेत्रफल और जनसंख्या कई मौजूदा जिलों से अधिक है। इसके बावजूद, अखनूर को प्रशासनिक पहचान से वंचित रखा गया है।

उन्होंने क्षेत्र में शैक्षणिक ढांचे की कमी पर भी प्रकाश डाला, यह कहते हुए कि अखनूर में न तो कोई पॉलिटेक्निक संस्थान है और न ही आईटीआई, जिससे युवाओं को तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। इसके साथ ही, उन्होंने अखनूर में अतिरिक्त उपायुक्त की नियुक्ति की भी मांग की, जैसा कि सुंदरबनी, नौशहरा, बशोली, बिलावर और कोटरंका में किया गया है। विधायक ने किसानों की व्यथा भी उठाई, जिनकी भूमि 2016 से रक्षा बलों द्वारा अधिग्रहित की गई है, लेकिन तब से न ही उन्हें कोई किराया मिला है और न ही मुआवजा। उन्होंने कहा कि किसान अपनी आजीविका खो चुके हैं और पिछले नौ वर्षों से उन्हें किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिली है।

मोहन लाल ने जब इन मुद्दों पर आवाज बुलंद की, तो वह विधानसभा के वेल में पहुंच गए और सरकार से इन मांगों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की। इसके बाद, स्पीकर के निर्देश पर उन्हें मार्शल आउट कर दिया गया। बाद में मीडिया से बात करते हुए मोहन लाल ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, “मैं अखनूर को जिला दर्जा दिलाने के लिए सड़क से लेकर विधानसभा तक लड़ाई लड़ूंगा। अखनूर की जनता ने मुझे उनकी आवाज उठाने के लिए भेजा है, और मैं वही कर रहा हूं। मैंने संकल्प पत्र में जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात काम कर रहा हूं। अखनूर इस पहचान का हकदार है और जब तक न्याय नहीं मिल जाता, मैं पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने स्पीकर की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि उनकी आवाज नहीं सुनी गई, जिसके चलते उन्हें विरोध स्वरूप वेल में जाना पड़ा और फिर वह वॉकआउट कर गए।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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