Uttar Pradesh

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल, चौबेपुर में गंगा के तट पर रोपा गया मियावाकी वन

वाराणसी चौबेपुर में जापानी मियावाकी पद्धति से पौधरोपण:फोटो बच्चा गुप्ता
वाराणसी चौबेपुर में जापानी मियावाकी पद्धति से पौधरोपण:फोटो बच्चा गुप्ता

जापानी मियावाकी पद्धति से 1500 पौधों का रोपण किया गया

वाराणसी,14 जुलाई (Udaipur Kiran) । तेजी से बिगड़ते प्राकृतिक संतुलन से चिंतित होकर पर्यावरण के प्रति सचेत लोगों ने बारिश के मौसम में निजी स्तर से सघन पौधरोपण का संकल्प लिया है। इसमें वाराणसी की सामाजिक संस्था विश्व ज्योति जनसंचार केंद्र ने जापानी तकनीक पर आधारित वन लगाने का जिम्मेदारी ली है।

रविवार को सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के भन्दहा कला (कैथी) स्थित केंद्र के सहयोग से गांव के पास गंगा तट पर स्थानीय ग्रामीण की निजी भूमि पर जापानी मियावाकी पद्धति से 15 सौ पौधों का रोपण किया गया।

पौधरोपण अभियान में शामिल ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पांडेय ने बताया कि 21 सौ वर्ग फीट क्षेत्र में 25 प्रजातियों के कुल 15 सौ पौधे लगाए गए हैं। जिनमें फलदार और शोभाकार पौधे भी शामिल हैं, यदि यह प्रयोग सफल रहा तो आगामी वर्षों में गंगा किनारे इसे और बढ़ाया जाएगा।

जनसंचार केंद्र के निदेशक प्रवीण जोशी ने बताया कि मियावाकी पद्धति के प्रणेता जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी हैं। जापान में इसकी शुरुआत सत्तर के दशक में हुई,इस पद्धति से बहुत कम समय छोटे स्थान को सघन पौध रोपण कर घने जंगलों में परिवर्तित किया जा सकता है। इस कार्यविधि में पेड़ स्वयं अपना विकास करते हैं और तीन वर्ष के भीतर वे अपनी पूरी लंबाई तक बढ़ जाते हैं। यह वाराणसी जिले का चौथा मियावाकी वन है। विगत वर्षों में तीन ऐसे वनों की स्थापना का प्रयोग सफल रहा था। इस वन में पूरे वर्ष हरियाली रहती है और कोई न कोई फल लगा हुआ होता है। जिससे चिड़ियों की संख्या इस वन में बहुतायत में होती है। अभियान में प्रमोद पटेल,अनिल कुमार,गौरीशंकर,रंजीत कुमार,अजय पाल,अशोक पटेल आदि ने भागीदारी की।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी / राजेश

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