Uttar Pradesh

गुमशुदा लालबाबू तीन जिलों की दूरी तय कर पहुंचा वाराणसी, मूक-बधिर बालक को पुलिस ने बालगृह से खोज निकाला

अपने परिजन के साथ गुमशुदा बालक लालबाबू।

— मां की ममता देख हर आंख नम हो गई

मीरजापुर, 29 मई (Udaipur Kiran) । इंसान अगर कुछ कह न सके, तो भी उसकी आंखें सब कुछ बयां कर देती हैं। कुछ ऐसा ही नज़ारा हलिया थाना क्षेत्र के देवघटा पांडे गाँव में तब देखने को मिला जब 11 वर्षीय गूंगा-बधिर बालक लालबाबू को पुलिस ने तीन जिलों की दूरी तय कर ढूंढ निकाला और उसकी मां सरोजा देवी के हवाले किया। बेटे को सीने से लगाकर मां जिस तरह फफक पड़ी, उसे देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं।

लालबाबू 30 अप्रैल को सुबह घर से निकला था और फिर लौटकर नहीं आया। बोल और सुन नहीं पाने के कारण वह किसी को रास्ता नहीं बता सका और इधर-उधर भटकते-भटकते वाराणसी पहुंच गया। परिजनों ने 1 मई को हलिया थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस सक्रिय हुई।

प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र सिंह के निर्देशन में उपनिरीक्षक अच्छे लाल को खोजबीन की जिम्मेदारी दी गई। तभी प्रयागराज के सीडब्ल्यूसी से सूचना मिली कि एक गूंगा-बधिर बच्चा वाराणसी बालगृह में है। सूचना मिलते ही टीम वहां पहुंची और जब पहचान की पुष्टि हुई, तो जैसे मिशन पूरा हो गया।

लालबाबू को देखकर उसकी मां सरोजा देवी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने बेटे को सीने से लगाकर ढेरों आंसू बहाए, जो शायद बीते एक हफ्ते के तनाव और चिंता का बहाव था। मौके पर मौजूद ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों ने भी इस भावनात्मक क्षण को महसूस किया।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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